सदन से बाहर बैठकर सम्पन्न बुरहानपुर ननि का सम्म्ेलन, सभागृह पर लटका रहा ताला
मयंक शर्मा
खंडवा ६ नवंबर ;अभी तक ; बुरहानपुर नगर निगम अध्यक्ष और विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षदों को निगम के सदन के बाहर ही सड़क किनारे बैठकर परिषद का सम्मेलन आयोजित हुआ।
ज्ञातव्य है कि निगम में 21 अक्टूबर को आयोजित बजट सम्मेलन को स्पीकर अनीता यादव ने स्थगित कर अगली तारीख 5 नवंबर निर्धारित की थी। हालांकि, बीजेपी पार्षद और महापौर ने इसे नगर निगम एक्ट के विपरीत बताते हुए उपस्थित पार्षदों में से एक पार्षद को निगम का सभापति बनाकर बजट पारित कर दिया था। कांग्रेस ने इसे अवैधानिक बताकर जिला प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद मंगलवार को निगम सभापति ने यह बैठक फिर से बुलाई थी।
इस मामले में भाजपा माधुरी पटेल ने मीडिया से चर्चा करते हुये कहा कि बीजेपी नगर निगम एक्ट के तहत कार्यवाही कर रहे हैं।उन्होने कहा कि कांग्रेस केवल जनता में भ्रम फैला रही है। यहां 20 साल से बीजेपी सत्ता में है और इन 20 सालों में एक रुपया भी कर नहीं बढ़ाया गया है। पहले जलकर 50 रुपये प्रतिमाह था, लेकिन अब जलावर्धन योजना के तहत जल उपयोगिता चार्ज लिया जा रहा है। यानी जो नल कनेक्शन लेगा, उससे शुल्क लिया जाएगा। संपत्ति कर में नामांतरण शुल्क वर्ष 2001 से नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन वर्तमान लागत को देखते हुए अब शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया है।
मामला यू हे कि मंगलवार को निगम अध्यक्ष अनीता यादव और कांग्रेस के 22 पार्षद पूर्व में घोषित परिषद के सम्मेलन में भाग लेने इंदिरा कॉलोनी के ऑडिटोरियम पहुंचे थे। लेकिन, वहां ताला लटका हुआ देखकर निगम अध्यक्ष ने परिषद हाल के बाहर ही सड़क किनारे पूर्व में स्थगित सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया। नेता प्रतिपक्ष उबेद शेख ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए बजट में शामिल कई प्रावधानों को आम जनता के हित में नहीं बताया। इसके बाद निगम अध्यक्ष ने आम जनता पर लगाए गए जलकर एवं संपत्ति कर को हटाने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही, भाजपा पार्षदों द्वारा पारित वार्षिक बजट को भी पास न करने की घोषणा की गई।
मंगलवार को सभा स्थल पर नगर निगम की सभापति और कांग्रेस पार्षद पहुंचे, तो उन्हें वहां ताला जड़ा हुआ दिखा। इस दौरान वहां निगम का कोई अधिकारी या कर्मचारी भी मौजूद नहीं था। ऐसे में महिला और पुरुष पार्षदों ने बंद सभास्थल के बाहर की सीढ़ियों पर झाड़ू लगाकर फर्श पर ही बैठक शुरू कर दी। माना जा रहा है कि यह बुरहानपुर नगर निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी निगम सभापति की अध्यक्षता में ऐसा सम्मेलन हुआ, जिसमें पहले से पारित बजट को निरस्त किया गया। बैठक के बाद सभी पार्षदों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन भी सौंपा।