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स्मैक का परिवहन करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1-1 लाख रू जुर्माना ने

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर एक दिसंबर ;अभी  तक;  विषेष न्यायाधीष एनडीपीएस एक्ट मंदसौर द्वारा आरोपीगण (1) साबिर पिता अहमद हुसैन नियारगर, उम्र 52 साल निवासी- नाहर सययद् रोषन कॉलोनी मंदसौर, (2) जमील पिता अब्दुल करीम खान उम्र 45 साल नि0 नाहर सययद् रोषन कॉलोनी मंदसौर को स्मैक तस्करी करने का दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 1-1 लाख रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 05.02.2016 को थाना शहर कोतवाली के उपनिरीक्षक भारतसिंह चावडा को मुखबिर सूचना मिली थी कि साबिर हुसैन और जमील खान मोटरसाईकिल पर अफीम का पाउडर स्मैक लेकर नाहर सैयद से जनता कॉलोनी कब्रिस्तान रोड से होते हुए ए टू जेड तिराहे से रामटेकरी होकर फोरलेन पर किसी को देने जाने वाले हैं मोटरसाईकिल साबिर चला रहा है और पीछे जमील बैठा है यदि तुरंत पकड लिया जाये तो इनके पास से स्मैक मिल जायेगी। मुखबिर सूचना पर कार्यवाही हेतु उपनिरीक्षक भारतसिंह चावड़ा मय फोर्स के थाने से रवाना होकर लीला फर्नीचर मार्ट के बगल में कब्रिस्तान रोड़ जनता कॉलोनी पहुंचे थे और नाके बंदी की, थोड़ी देर बाद मुखबिर द्वारा बताये हुलिये के दो व्यक्ति आते दिखे, जिन्हें पास आने पर हमराह फोर्स की मदद से रौका और नाम पता पुछते चालक ने अपना नाम साबिर हुसैन और पिछे बैठे व्यक्ति ने जमील खान बताया था। उक्त दोनों आरोपियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया और तलाषी लेने की बात कही। आरोपी साबिर हुसैन के बदन की तलाषी लिये जाने पर उसके द्वारा पहनी बनयान की र्ष्टिंग में पेंट के बायी तरफ एक पोलीथीन की थैली मिली, जिसे खोलकर देखने पर उसके अंदर भुरे रंग का पावडर भरा हुआ मिला था, उक्त पावडर का परीक्षण करने पर स्मैक होना पाया गया। उक्त अवैध मादक पदार्थ स्मैक का तौल इलैक्ट्रªॉनिक तराजू बांट से किया गया तो कुल वजन 300 ग्राम होना पाया गया। तत् पष्चात मौके पर ही आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया, बाद संपूर्ण कार्यवाही पश्चात मय जप्तषुदा अवैध मादक पदार्थ स्मैक जप्त कर थाने पर वापसी उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व संपूर्ण अनुसंधान उपरांत माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन एडीपीओ दीपक जमरा द्वारा किया गया।

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