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हत्या के आरोपीगणों को आजीवन कारावास की सजा

दीपक शर्मा

पन्ना ४ अक्टूबर ;अभी तक ;  हत्या के एक मामले मे आरोपीयों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश माननीय प्रकाशचंद्र आर्य की न्यायालय द्वारा अजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।

विवरण के अनुसार सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी ने बताया की दिनांक 11.12.2021 को रात्रि लगभग 21ः00 बजे पुरानी बुराई पर से मारने के लिए दीपू एवं प्रेमलाल सलाह बनाकर गजराज को मां-बहिन की बुरी-बुरी गालियां दे रहे थे। वहीं पर फरियादी की पत्नी सुंदरबाई एवं नातिन रमने घर के सामने आग जलाकर ताप रहे थे। गालियां सुनकर फरियादी ने दोनों को गालियां देने से मना किया तो प्रेमलाल हाथ में लोहे की छड़ तथा दीपू लाठी लिए आए। प्रेमलाल ने जान से मारने की नीयत से उसे छड़ से पेट में मारा, छड़ बाएं तरफ की पसली के नीचे लगी, दूसरी छड़ बाएं हाथ की कलाई में मारी, दीपू ने सिर में लाठी मारी, सिर हटा लेने से लाठी बाएं कान में लगी, खून बहने लगा। तभी दीपू आदिवासी का पिता कमल आदिवासी एवं उसका भाई नरेन्द्र आदिवासी लाठियां लेकर आए और मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां देकर बोले मारो एक न बच पाए। कमल ने एक लाठी फरियादी के दाहिने पैर की पिंडरी में, नरेन्द्र ने लाठी का एक हूदा दाहिने पैर के पंजे में मारा। सुंदरबाई बचाने लगी तो प्रेमलाल ने जान से मारने की नीयत से लोहे की छड़ सुंदरबाई के गर्दन में मारी, जो बाएं तरफ लगी, वह जमीन में गिर कर खत्म हो गई। नातिन के चिल्लाने पर मोहल्ले से भूरी आदिवासी, मक्खू आदिवासी दौड़कर आए, जिन्हें देखकर आरोपीगण बोले कि गजराज भाग गया, चलो ढूंढकर उसे भी आज जान से खत्म कर देना है और अपने घरों में घुस गए।

फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण प्रेमलाल आदिवासी, राजकमल आदिवासी उर्फ कमल, दीपेन्द्र आदिवासी उर्फ दीपू तथा नरेन्द्र आदिवासी सभी निवासी दुसरहा मोहल्ला ग्राम गढ़ी पडरिया के विरूद्ध देहाती नालसी पंजीबद्ध कर मर्ग इंटीमेशन दर्ज किया तथा मर्ग जांच के उपरांत उक्त सभी चारों आरोपीगण के विरूद्ध थाना देवेन्दनगर में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया तथा सभी आरोपीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर प्रकरण माननीय न्यायालय में पेश किया। सभी गवाहो एवं साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए आरोपीगणो को माननीय न्यायालय द्वारा अजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।

उक्त प्रकरण में प्रशासन की ओर से चन्द्रपाल प्रजापति, अपर लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई। न्यायालय द्वारा आरोपीगण प्रेमलाल आदिवासी राजकमल आदिवासी उर्फ कमल दीपेन्द्र आदिवासी उर्फ दीपू नरेन्द्र आदिवासी को क्रमशः धारा- 294, 506, 323 सहपठित धारा 34, 302 सहपठित धारा 34 भादंसं. में क्रमशः 01 माह, 01 वर्ष, 01 वर्ष, आजीवन कारावास एवं 500 रूपए 500 रूपए 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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