प्रदेश
*आरक्षण मे वर्गीकरण को लेकर एस सी एसटी का हल्ला बोल* *अम्बेडकर चौक से कलेक्ट्रेट तक शांति पूर्ण रैली निकाल किया प्रदर्शन*
एस पी वर्मा
सिंगरौली २१ अगस्त ;अभी तक ; माननीय सुप्रीम कोर्ट के एस सी एस टी वर्ग मे आरक्षण मे क्रीमी लेयर लागू किये जाने के आदेश के विरोध मे, 21 अगस्त को भारत बंद आह्वान के तहत बसपा, आजाद समाज पार्टी,भीम आर्मी, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, नाजी एवं अन्य एस सी एस टी संगठनों द्वारा क्रीमी लेयर आदेश को ख़ारिज करने हेतु संयुक्त रूप से महामहिम राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर सिंगरौली को सौंपा.
बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के आह्वान पर पुरे देश मे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन देने के क्रम मे सिंगरौली मे बसपा जिलाध्यक्ष राधिका वर्मा, वरिष्ठ बसपा नेता बंशरूप शाह, सुरेश शहवाल, चंद्रप्रताप विश्वकर्मा, शिव शंकर प्रसाद, लैची देवी आदि के नेतृत्व मे एस टी एस सी के हजारों लोगों ने अम्बेडकर चौक वै ढ न से कलेक्टर तक शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर सिंगरौली को सौंपा. ज्ञापन लेने आये कलेक्टर प्रतिनिधि को बसपा जिलाध्यक्ष राधिका वर्मा ने मांग किया कि यह ज्ञापन माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एस सी एसटी के आरक्षण मे उप वर्गीकरण (क्रीमी लेयर ) लागू करने का जो आदेश दिया गया है उसे तत्काल अध्यादेश लाकर समाप्त किया जाय. एस सी , एस टी वर्गों के आरक्षण मे उप वर्गीकरण लागू करने के आदेश से उक्त वर्ग के करोडो लोगों के संवैधानिक अधिकार खतरे मे पड़ गए हैँ. एस टी, एस सी वर्ग को संविधान के अनुच्छेद 15(4) एवं 16(4) मे सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन के लिए आरक्षण देने की व्यवस्था की गयी हैँ ना कि आर्थिक आधार पर. .
ज्ञापन मे बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उक्त वर्गों के आरक्षण मे क्रीमी लेयर लगाने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया हैँ कुछ राज्य इसकी तैयारी भी कर रहे है जो की उक्त वर्ग के लोगों के साथ अन्याय है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 341 एवं 342 के तहत किसी जाति, उपजाति को एस सी एस टी वर्ग की सूची मे जोड़कर आरक्षण के दायरे मे लाने या बाहर करने का अधिकार महामहिम राष्ट्रपति व केंद्र सरकार को है ना की राज्य सरकार को. देश मे एस सी एस टी वर्गों के साथ आजादी के 75वर्ष के बाद भी जातीय आधार पर अत्याचार एवं भेदभाव होता आ रहा है जो सर्व विदित है. जब आरक्षण जाति व शोषण के आधार पर दिया गया है तो फिर इसे क्रीमी लेयर लागू कर आर्थिक आधार पर वर्गीकरण क्यूँ किया जा रहा है. माननीय सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश से देश के करोडो शोषित, पीड़ित समाज दुखी, डरा व सहमा हुआ है.
ज्ञापन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्राभावी बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया जाए या विशेष संसद सत्र बुलाकर बिल पास करके आरक्षण विषय को संविधान की 9वी अनुसूची मे डाला जावे. तभी देश के करोडो पिछड़े, शोषित, वंचित एस सी एस टी वर्गों के साथ सामाजिक गैर बराबरी को कम एवं खत्म करने वाले संवैधानिक अधिकार आरक्षण को ख़त्म होने से बचाया जा सकता है. ज्ञापन के दौरान आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के विजय शंकर निरत, मथुरा प्रसाद अम्बेडकर, बसपा नेता जग लाल वर्मा सहित आजाद समाज पार्टी, भीम आर्मी व अन्य संगठनों के प्रमुख व भारी संख्या मे एस सी एस टी वर्ग के लोग मौजूद रहे.
*कौन आएगा क्रीमी लेयर के दायर मे*
क्रीमी लेयर शब्द का इस्तेमाल उन सदस्यों की पहचान के लिए किया जाता है जो सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से उसी कैटेगरी के पिछड़े लोगों के मुकाबले समृद्ध है. क्रीमी लेयर के तहत आने वाले लोग सरकार की शैक्षणिक,रोजगार और अन्य व्यावसायिक लाभ योजनाओं के लिए पात्र नही माने जायेंगे.