आषाढ सूखा तो अब सावन के भरोसे, खरीफ फसलों की बुआई में किसान पिछडा
खंडवा १३ जुलाई ;अभी तक; खंडवा जिले में मानसून के रूटे रहने से पिछले वर्ष की तुलना में अबतक आधी वर्षा भी नहीं हुई है। ऐसे में बोवनी का कार्य पिछड़ गया है। जिले की सालाना औसत वर्षा का आंकडा 808 मिमी.है। अभी तक मात्र 140 मिमी औसत वर्षा हुई है। पिछले वर्ष इस अवधि तक 318 मिमी. हो चुकी थी। मंगलवार बुधवार की दो दिनी बारिस को लेकर मौसम प्रेक्षण केंद्र के डॉ.सौरव गुप्ता ने बताया कि जिले में मानसूनी गतिविधियों के साथ लोकल हीटिंग के कारण बन रहे सिस्टम से खंड वर्षा हो रही है। अब तक हुई बरसाज से जमीन की प्यास बुझाकर बोवनी योग्य भूमि में नमी पैदा कर दी है।
बुजुर्ग किसान इन्दर दरबार ने कहा कि इस बार आषाढ़ लगभग सूखा जाने के बाद अब सावन के सेर बरस रहे है। इसस मौसम मे हल्की ठंड महसूस होने लगी है। मौसम प्रेक्षण केंद्र के डॉ.सौरव गुप्ता ने कहा कि सावन माह के 12 दिनों में जिले में अब तक सामान्य से 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है। आगामी दो दिन तक मध्यम बारिश होने की संभावना है। जिले में अब तक 142.6 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। पिछले साल इस समय तक 318.6 मिमी बारिश हुई थी।
मौसम विभाग द्वारा अगले एक-दो दिन में निमाड़ क्षेत्र में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई गई है। करीब एक माह के विंलब क बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में दो निो से मानसून जिले में मेहरबान होने से किसान बोवनी सहित अन्य कृषि कार्य में जुट गये है। कही किसान बोवनी में तो कहीं पूर्व में बोई गई फसलों पर दवाई छिटने का कार्य चल रहा है। मानसून की देरी से बोवनी सहित जन जीवन भी प्रभावित होता रहा।
इस वषर््ा खंडवा तहसील में औसत 76 मिमी बारिश दर्ज हुई है। वहीं पंधाना में 68 मिमी बारिश दर्ज की गई। नया हरसूद 297 मिमी, पुनासा 55 मिमी, व खालवा 154 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। जिले में अब तक हरसूद और खालवा तहसील में वर्षा पर्याप्त होने से इन क्षेत्रों में बोवनी की स्थिति भी अन्य तहसीलों की तुलना में ठीक है।खरीफ फसल की बोवनी में निमाड़ में सबसे कम बोवनी खंडवा जिले में हुई है। कृषि विभाग के अनुसार निमाड के चार जिलो में ं सबसे कम 54.62 प्रतिशत बोवनी खंडवा जिले मे हुई है।
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– जिले में मानसून खंड-खंड में सक्रिय है। 16 जुलाई से अच्छी वर्षा की संभावना है। कुछ गांवों में कम वर्षा होने से किसान बोवनी में पिछडे है। वैसे जुलाई के तीसरे सप्ताहन्त तक बोवनी सभी दूर हो जाएगी। बारिश का सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय नहीं होने से जुलाई में जहां औसत 319 मिमी बारिश होना चाहिए वहां मात्र 140 मिमी ही हुई है। जून में 100 मिमी की तुलना में मात्र 40 मिमी बर्षा दर्ज हुई। जिन किसानों के खेत में छह इंच तक नमी हो वे बोवनी कर सकते है।
– सौरभ गुप्ता, मौसम प्रेक्षक
—जिले में अभी तक करीब 60 प्रतिशत बोवनी हो चुकी हैं। मानसून में विलंब से बोवनी की रफ्तार और प्रतिशत दोनो प्रभावित हुए है। पुनासा में नहर की वजह से गर्मी का कपास किसान जल्द लगाने से वहां फसल ठीक है। किसानों को कम से कम 4 इंच औसत वर्षा के बाद ही बोवनी करना चाहिए। जिले में 15 जून से 15 जुलाई तक बोवनी का समय है।
– कैलाश वास्केल, उपसंचालक कृषि खंडव
0 हो रही वायरल
जिले में खंड बारिश हो रही है। बीती मंगलवार रात में जरूर कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर रहे हैं। इसी बीच जिले से एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुल के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है, लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि, मार्ग के ऊपर करीब एक फीट पानी बहने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डालते हुए नदी पार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो जिले के खालवा के अंतर्गत आने वाले ग्राम लखौरा का है।वायरल वीडियो में लोग गांव की नदी पर बने पुल को लापरवाही पूर्वक पार कर रहे हैं। हालांकि, पुल के ऊपर से पानी का बहाव काफी तेज है, जो एक छोटी सी गलती होने पर इंसान को पत्ते की तरह बहा कर ले जाने के लिए काफी है। लेकिन, इतने तेज बहाव के बावजूद लोग अपनी जान की परवाह किये बिना ही लगातार बहाव के बीच से गुजर रहे हैं।
खरीफ बुआई में एक माह पिछडने के बाद झमाझम बारिश न होने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है। जिले में अब तक 5 इंच औसत बारिश हो चुकी है।पिछले साल इस समय तक इससे दुगनी से अधिक बारिश हुई थी। मौसम प्रेक्षण केंद्र के वैज्ञानिक सौरव गुप्ता के अनुसार पिछले 48 घण्टो में खालवा, हरसूद, पंधाना, खंडवा और छैगांवमाखन ब्लॉक के कुछ गांवों में तेज बारिश हुई।
कृषि उपंसचालक ने कहा कि जिन किसानों के खेतों में नमी पहुंच चुकी है। वह मेढ़-नाली पद्धति से जब मौसम खुला मिले तो बुआई कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य किसान 4 इंच बारिश होने के बाद ही बोवनी करें।