संचालक पद से हटाये गये डॉ भार्गव, डिग्री तथा आयुष्मान योजन में धांधली का आरोप
सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर १९ अगस्त ;अभी तक; नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थि स्कूल ऑफ एक्सीनलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन के संचालक पद से डॉ जितेन्द्र भार्गव को हटा दिया गया है। उनके खिलाफ आयुष्मान भारत योजना में वित्तिय गडबडियों,डिग्री के संबंध में फर्जीबाडा,नियुक्तियों में गडबडी,तथा नेषनल हेल्थ मिषन से मिली राषि के दुरूपयोग का आरोप है।
गौरतलब है कि डॉ जितेन्द्र भार्गव के संबंध में चिकित्सा षिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से षिकायत की गयी थी। षिकायत में बताया गया था कि उन्होने दो डिग्री तीन साल में प्राप्त की। एमसीआई के नियमानुसार दोनों कोर्स पांच साल की अवधि में पूर्ण होते है। आयुष्मान योजना के तहत बिना मरीजों की जांच किये उन्होने राषि प्राप्त की। नियुक्तियों में भी उन्होने जमकर धांधली की। घर में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की। सरकारी नियुक्ति के बाद भी कर्मचारी उनके घर में काम करते थे।
षिकायत में कहा गया था कि नेषनल हेल्थ मिषन के टीवी की बीमारी के लिए प्राप्त 21 करोड रूपये की राषि का भी उनके द्वारा दुरूपयोग किया गया। एनटीईपी के मापदंड के अनुसार उन्होने मेडिकल कॉलेज में डीआरटीबी सेंटर स्थापित नहीं किया। यह सेंटर अभी भी विक्टोरिया अस्पताल में संचालित हो रहा है। उपचार के लिए उपलब्ध आधुनिक मषीनों का भी प्रयोग नहीं होने देते थे। जिसके कारण जबलपुर में टीबी की बीमारी को प्रतिषत देष के औसतन प्रतिषत से अधिक है। उच्च चिकित्सा विभाग के निर्देषानुसार उनके खिलाफ जांच प्रारंभ करते हुए संचालक पद से हटा दिया गया है।