कामथेन सिक्योरिट्री सर्विस द्वारा लगातार किया जा रहा शोषण, कई संस्थाओ से ब्लैक लिस्टेड का पन्ना मे चल रहा ठेका
दीपक शर्मा
पन्ना २ मार्च ;अभी तक; घपलों-घोटालों के लिए बदनाम मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी व्यवस्था में दूर-दूर तक कहीं कोई परिवर्तन नज़र नहीं आ रहा है। सत्ता का संरक्षण प्राप्त भ्रष्टाचारी और माफिया डबल इंजन की सरकार में कल भी मजे में थे, आज भी वे खुलेआम नियम-कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हुए लूट मचा रहे हैं।
पन्ना जिले के स्वास्थ्य विभाग में पिछले दस साल से सपोर्ट स्टॉफ, सिक्योरिटी गार्ड्स एवं सफाई कर्मी उपलब्ध कराने वाली आउटसोर्स एजेंसी मेसर्स कामथीन सिक्योरिटी सर्विस का मामला, इसका एक उदाहरण मात्र है। यह ब्लैक लिस्टेड एजेंसी स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारी उपलब्ध कराने की निविदा शर्तों, अनुबंध शर्तों व कार्यादेश में उल्लेखित निर्देशों को खुला उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों कर्मचारियों के मानदेय, ईपीएफ, आईएसआईसी के करोड़ों रुपए डकार कर बैठी है।
वर्ष 2014 से माह फरवरी 2024 तक मेसर्स कामथीन सिक्योरिटी सर्विस, इंदौर के विरुद्ध पन्ना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों एवं जिला कलेक्टर को शोषित-पीड़ित ठेका कर्मचारियों के द्वारा सैंकड़ों शिकायतें, ज्ञापन सौंपें गए। अनेकों बार धरना-प्रदर्शन तथा कामबंद हड़ताल की गई लेकिन न तो कामथीन का ठेका निरस्त हुआ और ना ही प्रभावित कर्मचारियों को इंसाफ मिल सका।
वर्तमान में जिले में आउटसोर्स एजेंसी के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया प्रचलन में होने से कामथीन सिक्योरिटी सर्विस की कारगुजारियों का काला चिठ्ठा नए सिरे से सुर्खि़यों में आ गया है। आगामी वर्षों के लिए जिले की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं/कार्यालयों में आवश्यक कुशल, अर्धकुशल, कुशल श्रेणी के श्रमिक (कर्मचारी) उपलब्ध कराने हेतु आउटसोर्स एजेंसी के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में हैं। इसमें शामिल पन्ना जिले की आउटसोर्स एजेंसी कचनारा इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी के द्वारा कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्हीएस उपाध्याय को मेसर्स कामथीन सिक्योरिटी सर्विस, इंदौर तथा प्रथम नेशनल सिक्युरिटी सर्विस को लेकर लिखित आपत्ती/शिकायत दी गई है।
कचनारा इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस ने अपनी शिकायत/आपत्ती में मेसर्स कामथीन सिक्योरिटी सर्विस, इंदौर तथा प्रथम नेशनल सिक्युरिटी सर्विस को ब्लैक लिस्टेड एजेंसी बताते हुए इनकी निविदा को निरस्त करने की मांग की है। कचनारा इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस के द्वारा अपनी शिकायत के साथ उक्त एजेंसियों को ब्लैक लिस्टेड करने वाले संस्थान एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर द्वारा जारी पत्र दिनांक 17 मई 2016 को संलग्न किया है।
इस पत्र के अनुसार एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कामथीन सिक्योरिटी सर्विस को तीन वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इस शिकायत के साथ अपर संचालक (शिकायत) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्य प्रदेश सपना एम. लोवंशी के द्वारा दिनांक 20 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतना डॉ. एम.के. अवधिया को जारी पत्र भी संलग्न है। इस पत्र में स्पष्ट शब्दों में सीएमएचओ को आदेशित किया गया है कि, “कामथीन सिक्योरिटी सर्विस को आज ही ब्लैक लिस्टेड करें तथा कर्मचारियों के भुगतान की बकाया राशि का भुगतान किए जाने संबंधी कार्यवाही तत्काल करें। साथ ही की गई कार्यवाही से अद्योहस्ताक्षकर्ता को आज ही अवगत कराते हुए ईमेल आईडी पर एवं डाक द्वारा भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
चूंकि प्रकरण सीएम मॉनिट श्रेणी ए (प्लस) में दर्ज होने कारण पत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रकरण में तत्काल आगामी कार्यवाही करें।“ कचनारा इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस पन्ना ने कामथीन सिक्योरिटी सर्विस के मालिकान से जुड़ी एक अन्य एजेंसी प्रथम नेशनल सिक्युरिटी सर्विस के भी ब्लैक लिस्टेड होने का प्रमाण अपने शिकायती पत्र के साथ संलग्न किया है।
बता दें कि, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक म.प्र. के रजिस्ट्रार द्वारा दिनांक 04 जनवरी 2022 को जारी पत्र के अनुसार 2 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया गया था। कामथीन सिक्योरिटी सर्विस के चतुर-चालाक मालिकान ने कई संस्थाओं में अपनी एजेंसी के ब्लैक लिस्टेड होने पर स्काई ब्लू नामक एक अन्य आउटसोर्स एजेंसी का पंजीयन कराया गया। ताकि रोजगार की तलाश में भटकते शिक्षित-बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की आड़ में उनकी मेहनत की कमाई के बड़े हिस्से को डकारा जा सके।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि, पन्ना जिले के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी उपलब्ध कराने के अपने ठेका को बरक़रार रखने के लिए कामथीन सिक्योरिटी सर्विस और इससे जुड़ीं दो अन्य आउटसोर्स एजेंसी, प्रथम नेशनल सिक्युरिटी सर्विस और स्काई ब्लू सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड इंदौर भी निविदा प्रक्रिया में शामिल है। इस कवायद का असल मकसद कामथीन से सांठगांठ रखने वाले भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की मदद से तीन में किसी एक एजेंसी के नाम पर ठेका हांसिल किया जा सके।
आउटसोर्स एजेंसी स्काई ब्लू सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड इंदौर को लेकर शिकायतकर्ता की कचनारा इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस पन्ना के प्रतिनिधि का कहना है कि, इस (तीसरी) एजेंसी को न तो किसी तरह का कोई वांछित अनुभव है और ना ही वार्षिक वित्तीय लेनदेन (टर्न ओवर) भी पर्याप्त है। इस स्थिति में ठेका कर्मचारियों के मानदेय, ईपीएफ एवं आईएसआईसी की राशि नियमित रूप से समय पर पारदर्शी तरीके से पूर्ण भुगतान करने, समस्त शर्तों का अक्षरशः पालन करने तथा अच्छे रिकार्ड वाली निविदा प्रक्रिया में शामिल अन्य किसी भी एजेंसी का ठेका दिया जाना न्यायोचित होगा।
महीनों काम कराने के बाद नहीं दिया मानदेय
कामथीन सिक्योरिटी सर्विस के शोषण का शिकार सुखवंत चौबे, उर्मिला वंशकार, मिनीबाई बाल्मीक, यूनिस खान आदि ने पत्रकारों के समक्ष अपनी आपबीती सुनाने बताया कि, उनसे और उनके साथियों से स्वास्थ्य संस्थाओं में सिर्फ 3, 4, 5 हजार रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक मासिक मानदेय पर कई महीनों तक कार्य कराया गया है। किसी को भी निविदा/अनुबंध शर्तों तथा श्रम विभाग के नियमों के अनुसार प्रचलित कुशल/अकुशल/अर्धकुशल श्रमिकों की निर्धारित कलेक्टर दर के अनुसार मानदेय भुगतान नहीं किया गया। साथ ही एक भी कर्मचारी को नियमनुसार ईपीएफ एवं आईएसआईसी की राशि का भी भुगतान नहीं किया। इस तरह कामथीन सिक्योरिटी सर्विस स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ठेका कर्मचारियों का पिछले दस साल से लगातार दो तरफा बेइंतहा शोषण कर रही है।
पीड़ित सुखवंत चौबे व उर्मिला वंशकार का आरोप है कि, उक्त कंपनी ने उनके कई माह के मानदेय का भुगतान न कर उन्हें काम से ही निकाल दिया था। स्वास्थ्य विभाग में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इतना ही ठेका कर्मचारियों को कभी भी हर माह की 5 तारीख को भुगतान न देकर 2-3 में मानदेय का भुगतान किया जाता है। कुल मिलाकर आधा-अधूरा मानदेय देकर और ईपीएफ एवं आईएसआईसी की राशि का भुगतान न करके कामथीन सिक्योरिटी सर्विस ने कथित तौर पर करोड़ों रुपए का घपला किया है।
इनका कहना हैः-
उक्त संस्था के संबंध मे क्षेत्रीय संचालक के माध्यम से जांच की जा रही है, जो निर्णय आयेगा उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
डॉक्टर व्ही.एस. उपाध्याय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी जिला पन्ना