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ब्रह्माकुमारी द्वारा एक दिवसीय तपस्या भट्टी का पूर्व विधायक सिसोदिया ने दीप प्रज्वलन कर किया शुभारंभ

महावीर अग्रवाल

मंदसौर ४ जुलाई ;अभी तक; भारत सोने की चिड़िया था,विश्व गुरु कहलाता था यह आदिकाल से ही देवी देवताओं की भूमि रही भगवान राम, कृष्ण, राधा और लक्ष्मी का यहां वास रहा लेकिन इस देव भूमि पर आज कोई देवता नहीं कहलाता क्योंकि मानव काम, क्रोध ,लोभ ,मोह और अहंकार के वशीभूत हो गया है। मानव का चिंतन व्यर्थ में ज्यादा रहता है इसीलिए विकार उसे घेर रहे हैं ।जबकि यदि व्यक्ति जब राजयोग के माध्यम से अपने चिंतन को शक्तिशाली बना लेता है अपने चिंतन की धारा को बदल लेता है उसे सकारात्मक कर लेता है तो अपने जीवन को बदल सकता है

यह बात मधुबन की बेहद भूमि से ज्ञान के खजाने से भरपुर कर साधको को योग के शिखर पर पहुंचने के लिए भगवान पशुपतिनाथ की पवित्र नगरी मंदसौर पधारें तपस्वी राजयोगी ब्रह्माकुमार राजेंद्र प्रसाद(राजू भाई जी) ने कही। आप मंदसौर के कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम में ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित एक दिवसीय तपस्या भट्टी को संबोधित कर रहे थे इससे पूर्व तपस्या भट्टी का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ आत्म कल्याण भवन की संचालिका राज योगिनी उषा दीदी के सानिध्य में पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मदनलाल राठौर, मंदसौर जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष बृजेश जोशी, पत्रकार लोकेश पालीवाल उपस्थित थे । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज बहने भी मंचस्थ थी । समारोह में बड़ी संख्या में मंदसौर समेत आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारी से जुड़े भाई बहनों ने शिरकत की।

राज योगी राजू भाई जी ने कहा कि भारत देवभूमि है इसकी मूल शक्ति अध्यात्म ही है लेकिन आज हम इसे भूल गए हैं परंतु इस सच्चाई को हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि यदि परमात्मा से कनेक्शन नहीं जोड़ा तो एक तरफ विकास है और एक तरफ विनाश है। व्यक्ति के नकारात्मक विचार उसकी आध्यात्मिक शक्ति को कमजोर करते हैं एक सेकंड की नकारात्मकता मानव जीवन को खत्म कर सकती है उसे अपराध की तरफ धकेल सकती है फिर कानून की सजा भी उसे व्यक्ति को अपराध से तब तक मुक्त नहीं कर सकती जब तक की व्यक्ति का चिंतन नहीं बदलता है।
आपने कहा कि आज व्यक्ति अपने कर्मेंद्रिय का गुलाम बन चुका है भाई बहन और गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते भी कलंकित हो रहे हैं जरा जरा सी बातों में व्यक्ति आवेश में आ जाता है कलयुग में यह सब माया की देन है लेकिन इन विकारों से राजयोग के माध्यम से दूर हुआ जा सकता है राजयोग जो सारे योग का राजा है और हमारी आत्मा को राजा बनता है मन के व्यर्थ चिंतन को समाप्त करता है और आत्मा का परमात्मा से कनेक्शन मिलाता है। आपने कहा कि राजयोग के माध्यम से व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर सकता है क्योंकि राजयोग मन बुद्धि और संस्कार पर नियंत्रण करना सीखाता है।
राज योगी राजू भाई ने कहा कि ज्ञानी और अज्ञानी में सिर्फ एक शब्द का अंतर है लेकिन ज्ञानी व्यक्ति कोई भी काम करने से पहले कुछ सेकंड सोचता है उसके बाद उसे काम को करता है लेकिन जो व्यक्ति ज्ञानी नहीं है वह अपनी कर्मेंद्रिय के अधीन होता है और उसकी कर्मेंद्रिय अधीनता ही उस अपराध करवाती है। इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति को अपनी नकारात्मकता को समाप्त करना है तो उसे अपने चिंतन को सकारात्मक बनाना पड़ेगा। आपने कहा कि सकारात्मक चिंतन के माध्यम से हम व्यर्थ से मुक्त हो सकते हैं मानव यदि व्यर्थ चिंतन से मुक्त हो गया तो वह अपने जीवन में उन्नति कर सकता है जो चाहे वह पा सकता है।
तपस्या भट्टी के प्रारंभ में मंदसौर आत्म कल्याण भवन की संचालिका राजयोगिनी उषा दीदी ने स्वागत उद्बोधन दिया और राजू भाई जी की विशेषताओं के बारे में भी अवगत कराया और कहा कि मंदसौर नगर का सौभाग्य है कि दीदी दादियों की पालना में पले, अपने बाल्य काल से बाबा के घर आकर बाबा की सेवाओं को बढ़ाने वाले, बाबा की मुरली को जन-जन तक पहुंचने वाले, साकार एवं अव्यक्त महा वाक्यों से विशेष ज्ञान रत्नों को चुनकर हम सब की झोली भरने वाले, सदा शांत चित्त एवं एक बाबा की याद और सेवा की लगन में मगन रहने वाले इसे परम तपस्वी कुमार भाईजी का आगमन मन्दसौर में हुआ है।
प्रारंभ ब्रह्मकुमारी बहनों ने अतिथियों को तिलक लगाकर और पुष्प कुछ भेंट कर स्वागत किया। समझ में बड़ी संख्या में बीके भाई बहनों के साथ ही गणमान्य जन उपस्थित थे।
समारोह का संचालन ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने किया।

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