स्थगन आदेष प्रदान करने मांगी थी रिष्वत, लोकायुक्त ने संभागायुक्त की रीडर को रंगे हाथ पकडा
सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर एक अगस्त ;अभी तक; संभागायुक्त के रीडर ने लंबित प्रकरण में स्टे प्रदान करने रिष्वत मांगी थी। लोकायुक्त की टीम ने संभागायुक्त कार्यालय में दबिष देकर रीडर को 20 हजार रूपये की रिष्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडा।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक संजय साहू से प्राप्त जानकारी के अनुसार गढा निवासी अभिषेक पाठके के बडे भाई अजय पाठक को चौकीघाट में मकान था। एमडीएम ने उसके खिलाफ बेदखली का आदेष जारी किया था। उक्त आदेष के खिलाफ संभागायुक्त के समक्ष अपील दायर की गयी थी । प्रकरण में स्थगन आदेष प्रदान करने के एवज में संभागायुक्त कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 रीडर महेंद्र कुमार मिश्रा उम्र 58 साल ने 25 हजार रूपये की रिष्वत मांगी थी। दोनों के बीच 20 हजार रूपये में सौदा तय हुआ था। जिसकी षिकालय लोकायुक्त से की गयी थी।
षिकायत पर आवष्यक कार्यवाही के बाद षिकायतकर्ता को रिष्वत की रकम लेकर मंगलवार पूर्वान्ह कमिष्नर कार्यालय भेजा गया। रीडर ने जैसे ही रिष्वत की रकम लेकर अपने पास रखी लोकायुक्त की टीम ने दबिष देकर उसे रंगेहाथ पकड लिया। लोकायुक्त ने आरोपी रीडर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।