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सीबीएसई द्वारा मातृभाषा तथा स्थानीय भाषा में शिक्षण देने के निर्देश

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २५ जुलाई ;अभी तक;   केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) डॉक्टर जोसेफ ईमानुवल ने गत 21 जुलाई को परिपत्र जारी कर बोर्ड से जुड़े सभी विद्यालयों के प्रमुखों को प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में शिक्षण कार्य शुरू करने के निर्देश जारी किये है।

                            जारी किये गये सर्कुलर में सीबीएसई ने स्वयं स्वीकारा है की शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा का उपयोग करने में कई चुनौतियां सामने है। प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता पाठ्य पुस्तकें तैयार करना सीमित समय सीमा आदि कठिनाइयों को सामना करना पडेगा अतः एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भारतीय भाषा के माध्यम से नई पाठ्य पुस्तकें तैयार करने के निर्देश जारी किये है।

                        सीबीएसई ने यह सर्कुलर जारी कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुच्छेद 4/12 का उल्लेख कर छात्रों के बहुभाषिकता के महत्वपूर्ण लाभों पर बल दिया है।

                           नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉक्टर पीजी नाजपांडे ने मातृभाषा एवं स्थानीय भाषा में शिक्षण देने की नीति का स्वागत करते हुये अपेक्षा व्यक्त की है इस नीति को क्रमशः लागू होना चाहिए मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा हिन्दी में देने की नीति वर्तमान सरकार ने लागू की है इस 2 वर्ष हो गये लेकिन अभी तक तकनीकी शिक्षा चिकित्सा शिक्षा व्यावसायिक शिक्षा कानून शिक्षा आदि की पाठयपुस्तके छात्रों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

श्री नाजपांडे ने बताया की यहीं स्थिति  अन्य राज्यों में निर्माण हुई है जहां स्थानीय भाषाओं की पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं है। इन विसंगतियों के चलते छात्रों को भारी नुकसान होने की संभावना है।

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