हिंदू हिंसक होता तो आप लोकसभा में बयान ना दे रहे होते-चन्द्रे
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ५ जुलाई ;अभी तक; हिंदू एक जन्मजात अहिंसा का पालन करने वाली तथा प्राणी मात्र एवं यहां तक की पेड़ पौधो तथा पत्थरों को भी पूजने वाली जाति है। यदि हिंदुस्तान में जन्म लेकर भी जो हिंदू के स्वभाव को नहीं समझ पाया ऐसे लोगों को धिक्कार है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए शिक्षाविद रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि हिंदू यदि हिंसक होते तो लोकसभा में राहुल गांधी हिंदुओं के विरुद्ध इस इस प्रकार से मुंह नहीं खोल सकते थे और देश में ‘‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’’ जैसे नारे बुलंद नहीं होते। राहुल को यह बात समझना चाहिए हिंदू सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की भावना से काम करता है तथा हिंदू धर्म में विश्व कल्याण की भावना प्रमुख है क्योंकि हिंदुओं का हृदय विशाल है तथा हिंदू देश को जोड़ने की बात करता है तोड़ने की नहीं।
श्री चन्द्रे ने कहा कि इतिहास गवाह है कि ग्रीक, हूण, शक, यवन, मुगल आक्रमणकारियों को भी यह हिंदू हजम कर गया अर्थात उनके साथ इतना समायोजन एवं समन्वय किया कि वह इसी भारत में कहीं समा गए। अपनी शत्रु जाति के प्रति इतनी सहिष्णुता का व्यवहार विश्व में कहीं भी देखने को नहीं मिलता।
श्री चन्द्रे ने कहा कि यह हिंदुओं की सहिष्णुता ही है कि वह अपने विरुद्ध किसी भी बयान को सहन कर जाते हैं। यदि आपकी ताकत हो और वोटो का मोह आपको नहीं हो तो एक बार अन्य धर्मों के खिलाफ बोल कर दिखाइए, आपको पता चल जाएगा कि हिंसक कौन है और अहिंसक कौन है?
श्री चन्द्रे ने राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले प्रत्येक पार्टी के नेताओं से आग्रह किया है कि हिंदुओं की सहनशीलता का परिचय प्राप्त ना करें अन्यथा ढाई हजार वर्ष के निरंतर आक्रमणों के बाद एवं 1000 वर्ष की गुलामी के बाद भी ष्हिंदूष् धर्म पूरे विश्व में जीवित है, वह इस बात का प्रमाण है कि-
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा।।
क्योंकि यहां हिंदू सहिष्णु है।