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बालाघाट जिले में सरकारी धान की खुलेआम अफरा तफरी की जा रही

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २१ अगस्त ;अभी तक ;  जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से कस्टम मिलिंग कर चावल बनाये जाने के लिये राज्य विपणन संघ द्वारा अनुबंधित राइस मिलर्स को रिलीज ऑर्डर के माध्यम से धान प्रदाय की जा रही है। जारी किये गये रिलीज आर्डर से प्राप्त धान को गतत्य राईस मिल में ना पहुंचते हुये स्थानीय राईस मिलों को कालाबाजार में बेचा जा रहा है यह सिलसिला लम्बे अरसे से चल रहा है लेकिन संबंधित विभाग के सरक्षण के चलते इस अंकूश नही लग पा रहा है।

                         ताजा मामला वारासिवनी का प्रकाश में आया है जहां राधे एग्रो इंडस्टीज रमगढी छिंदवाड़ा को वारासिवनी के गोदाम नंबर 22 धार्मिक वेयर हाउस तुमाडी में भण्डारित की गई धान में से रिलीज आर्डर क्रमांक 3821361082410020 के माध्यम से 3 ट्रकों में 17 अगस्त को प्रदाय की गई थी। जिनमें से ट्रक क्रमांक एमपी 16 एच 0664  में 460 बोरी 16.66 मैटिक टन, ट्रक क्रमांक एच आर 66 8137 में 17.150 मेट्रिक टन लगभग 500 बोरी तथा ट्रक क्रमांक एमपी 18 जीए 0931 में 200 बोरी 6.95 मैटिक टन भरी गई। धान का मूल्य लगभग 5 लाख रूपये बताया गया है।

इनमें से 2 ट्रकों को मेंहदीवाड़ा में एक राइस मिल के समीप चिल्लर धान खरीदने वाले व्यापारी को ट्रक से उतारकर बेचते हुये पुलिस के गस्तीदल द्वारा पकड़ा गया तो बताया गया की दोनों ट्रक में भरी धान राइस मिल में बेचने के लिये ले जाया जा रहा था। इस आधार पर दोनों ट्रक पुलिस थाना वारासिवनी में अभीरक्षा में लाकर खडे करवा दिये गये।

इस संबंध में वारासिवनी के अनुविभागीय अधिकारी श्री आर आर पाण्डे ने अवगत कराया की दोनों ट्रकों में सरकारी धान भरी हुई पाई गई जिसे छिंदवाड़ा ले जाया जाना था लेकिन वे विपरित दिशा की ओर मेंहदीवाड़ा में सदिंग्ध अवस्था पाये जाने पर पुलिस द्वारा थाने में खडा किया गया है श्री पाण्डे ने यह भी अवगत कराया की चूकी यह सरकारी धान है इस लिये विपणन अधिकारी को जांच करने के लिये निर्देश दिये है जांच होने तक ट्रक पुलिस की अभिरक्षा में खडे रहेंगे।

इसी बीच मंडी समिति के निरीक्षक द्वारा धारा 19,6 मंडी अधिनियम का हवाला देकर मंडी शुल्क की 5 गुना  राशि लेकर ट्रक डायवरों के नाम पर रसीद काट दी पुलिस ने उक्त रसीद के आधार पर ट्रकों को एसडीएम के निर्देश के अव्हेलना करते हुये ट्रकों को छोड दिया।  जबकि सरकारी धान पर मंडी शुल्क वसूलने का कोई स्पष्ट प्रावधान नही है।

इतना ही नही ट्रक क्रमंाक 18जीए 0931 जिसमें 200 बोरी 6.95 मैट्रिक टन धान भरी गई थी उसका आज तक कही अता पता नही है उसके छिंदवाड़ा पहुंचने का कोई प्रमाण संबंधि विभाग उपलब्ध नही कराया पाया। इस तरह सरकारी धान की खुलेआम अफरा तफरी की जा रही है प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही ना किये जाने के चलते धान की कालाबाजारी पर कोई अंकूश नही लग पा रहा है।

जानकारी मिली है की अनुविभागीय अधिकारी श्री पाण्डे ने कलेक्टर महोदय को इस मामले से अवगत कराया है।

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