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म .प्र. में ड्रग इंस्पेक्टर भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही से नियम विरुद्ध शैक्षणिक योग्यता जारी करने पर अपात्र लोगो को मिला मौका

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १२ जुलाई ;अभी तक;  “एम पी फार्मासिस्ट एसोसिएशन” सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के राज्य फार्मासिस्टो के हित में कार्य कर रहा है तथा उनकी समस्याओं में साथ खड़ा रहकर उनकी सहायता के लिए तत्पर रहता है | जिसके चलते यह संगठन के संज्ञान में लाया गया है कि हाल ही में हुई मध्य प्रदेश राज्य में ड्रग इंस्पेक्टर पदो पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है | जो कि प्रदेश में चल रही दवा दुकानों को नियमानुसार चलाने, दवाओं संबंधित हो रहे भ्रष्टाचारों की रोकथाम और अवैध दुकानों पर प्रतिबन्ध लगाने में फलदायक होगा।

                                परंतु यह जानकारी में आया है कि कर्मचारी चयन बोर्ड, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा जारी विज्ञापन में ड्रग इंस्पेक्टर की निर्धारित योग्यता में कुछ विसंगति है, जिसमें हिंदी संस्करण में कुछ अनुवाद त्रुटि दिखाई देती है | जिससे ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट कानून से अतिरिक्त डिग्री वाले उम्मीदवारों को अनुमति मिल गई है इसके अनुसार माइक्रोबायोलॉजी में डिग्रीधारी भी ड्रग इंस्पेक्टर के पद के लिए पात्र हैं एवं ऐसे अपात्र अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा भी दे दी गई, जबकि यह अनुचित एवं नियम विरुद्ध है| ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940, नियम 1945 में ड्रग इंस्पेक्टर की योग्यता के रूप में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। इस त्रुटि के कारण कुछ अभ्यर्थी, जिनके पास अधिनियम में निर्धारित बी.फार्म डिग्री नहीं है, लेकिन माइक्रोबायोलॉजी में डिग्री है, वे ड्रग इंस्पेक्टर के पद के लिए पात्र हो सकते हैं, यदि उन्होंने परीक्षा में कट ऑफ से ऊपर अंक प्राप्त किए हों।
कर्मचारी चयन बोर्ड, भोपाल द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, वर्ष 2023 में ड्रग इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए आवश्यक योग्यता केवल हिंदी में बताई गई है- “विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में फार्मेसी या फार्मास्यूटिकल साइंस या क्लिनिकल फार्माकोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ मेडिसिन या माइक्रोबायोलॉजी में डिग्री।”
ड्रग इंस्पेक्टर की आवश्यक योग्यता के उपरोक्त हिंदी संस्करण का अवलोकन करने के बाद यह ध्यान में आया कि यह हिंदी संस्करण में योग्यता का गलत अनुवाद है जिससे उक्त क्वालिफ़िकेशन ही अधिनियम अनुरूप न होने के कारण नियम विरुद्ध है।
जबकि नियमानुसार उचित यह है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940, नियम 1945 में स्पष्ट रूप से औषधि निरीक्षक की आवश्यक योग्यता इस प्रकार प्रदान की गई है-
नियम 49. निरीक्षकों की योग्यताएँ – “अधिनियम के तहत निरीक्षक नियुक्त किया जाने वाला व्यक्ति वह व्यक्ति होगा जिसके पास भारत में कानून द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से क्लिनिकल फार्माकोलॉजी या माइक्रोबायोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ फार्मेसी या फार्मास्युटिकल साइंसेज या मेडिसिन में डिग्री होगी:”
इस गंभीर विषय पर एम पी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमित सिंह ठाकुर जी ने बताया की हमारे संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजवीर त्यागी जी एवं विदिशा जिला अध्यक्ष गगन शर्मा जी के द्वारा ज्ञापन के माध्यम से जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की  जानकारी दी गई है परंतु कोई उचित कार्यवाही नही हुई जिसके चलते माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर म.प्र. में उक्त नियम विरुद्ध तरीके से आयोजित ड्रग इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2023 को रिट पिटीशन क्र. 5269/23 के द्वारा चुनौती दी गई है जिसमें माननीय न्यायालय ने अपने अन्तरिम आदेश में उल्लेख किया है “यह निर्देशित किया जाता है कि सभी चयन इस रिट याचिका के नतीजे के अधीन होंगे।”
उनका कहना है कि आज तक देश भर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है जहां फार्मेसी या फार्मास्युटिकल साइंसेज में डिग्री रखने वाले उम्मीदवार के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को ड्रग्स इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र घोषित किया गया हो या परीक्षा में सम्मिलित हुआ हो।
अत: राज्य सरकार एवं जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को इस गंभीर विषय को तत्काल संज्ञान में लेते हुए औषधि निरीक्षक के पद के लिए केवल औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940, नियम 1945 के अनुसार वांछित योग्यता रखने वाले फार्मासिस्ट उम्मीदवारों पर ही विचार किया जाना चाहिए। ताकि विगत 10 वर्षों से ड्रग इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे फार्मासिस्ट उम्मीदवारों के साथ अन्याय ना हो सके।
साथ ही माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर म.प्र. द्वारा पारित अन्तरिम आदेश के परिपालन में उक्त भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए व माननीय न्यायालय का अंतिम निर्णय आने तक भर्ती संबंधी आगामी कार्यवाही न की जाये। माननीय उच्च न्यायालय में पारित पिटीशन के अंतिम निराकरण न होने तक अगर भर्ती संबंधी प्रक्रिया की जाती है तो वह माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आयेगा।
उपरोक्त जानकारी संगठन के आई टी प्रदेश उपाध्यक्ष हिमांशु चतुर्वेदी ने दी।

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