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नगर पालिका द्वारा शुद्ध पेयजल के नाम पर किये गये करोड़ो रूपये खर्च, लोगो को मिल रहा गंदा बदबूदार, जहरीला पेयजल

दीपक शर्मा

पन्ना १२ अगस्त ;अभी तक ;  पन्ना नगर पालिका द्वारा विगत दिवस दो साल बेमिशाल का जश्न मनाया है तथा विकास एवं निर्माण कार्यो के नाम पर लगभग डेढ अरब की राशि खर्च करना बताई गई है। जिसमें पचास करोड़ से अधिक पेयजल के नाम पर खर्चा दिखाया जा रहा है। लेकिन सबसे दुःखद पहले यह है कि इतनी भारी भरकम राशि पेयजल व्यवस्था तथा लोगो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बताई गई है। लेकिन वर्तमान समय में नगर के लोगो को जो पानी पेयजल के लिए सप्लाई किया जा रहा है। वह गंदा, बदबूदार तथा जहरीला पानी उपलब्ध हो रहा है। जिसे पीकर लोगो का स्वास्थ खराब हो रहा है। क्योकि उक्त पानी पीने से अनेक बीमारियां उत्पन्न हो रही है।

गंदा एवं मटमेला पानी पीना तो ठीक है जिस वर्तमान मे रख दिया जाता है उसमे कीचड़ की परत जम जाती है। विभिन्न तालाबो से पाईप लाईन डालकर सप्लाई करने की बात कही जा रही है तथा लोगो को फिल्टर युक्त शुद्ध पानी उपलब्ध कराना बताया जा रहा है। लेकिन वास्तविक रूप से नगर के लोगो को गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। जिन तालाबो से पानी सप्लाई किया जा रहा है। लगता है वर्षात का बिना फिल्टर युक्त सीधा पानी भेजा जा रहा है।

पानी को शुद्ध करने के लिए प्रति वर्ष लाखो रूपये की ऐलम तथा फिटकरी डालने के बिल लगाये जा रहें है लेकिन पानी वही बदबूदार सप्लाई हो रहा है। तालाबो मे किसी प्रकार का कोई रख रखाव नहीं है। किसी भी तालाब में गंदगी से बचाने के लिए बाउन्ड्री बाल या फैंन्सी जाली भी नही लगाई गई है। चारो तरफ तालाबो के भैंसे एवं मवेशी पानी गंदा करते हुए देखे जाते है। धरमसागर तालाब में लोगो द्वारा चारो तरफ शोच क्रिया भी की जाती है। किसी प्रकार के कोई रखरखाव के इन्तजाम नही है। अभी विगत वर्ष कटरा बांध से नगर के लोगो को पानी सप्लाई करने के लिए करोडो रूपये की पाईप लाईन डाली गई लेकिन उक्त लाईन से जल सप्लाई आज तक प्रांरभ नही हुई। इसी प्रकार रेस्ट हाउस से लेकर निरपत सागर की लाईन से धरमसागर तालाब के लिए पाईप लाइन डाली गई थी। जिसमें भी करोडो रूपये खर्च हो गयें लेकिन उसका भी कोई औचित्य नजर नही आ रहा है। बार बार नगर में पाईप लाईन डाली जाती है तथा करोडो रूपये खर्च किये जाते है लेकिन आज तक नगर के लिए स्थाई पेयजल की व्यव्था नही है। सिर्फ जल सप्लाई के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च करके बनने वाले अध्यक्ष तथा जिम्मेवार कमीशन का खेल खेलते रहते है।

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