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गरीब आदिवासी का गिरा आशियाना, खुले आसमान के नीचे आया परिवार, सूचना देने के बाद भी सर्वे करने नहीं पंहुचे पटवारी जी

दीपक शर्मा

पन्ना ७ अगस्त ;अभी तक ;  पन्ना जिले में अधिकारी कर्मचारीयों का जमीर मर चुका है, शासन द्वारा दी जाने वाली वेतन वह अपना अधिकार समझ रहे है तथा जो कार्य लोगो द्वारा बताया जाता है, उक्त कार्य बिना कमीशन के नही करते है।

इसी प्रकार का मामला पवई तहसील अन्तर्गत आदिवासी बहुल्य कल्दा ग्राम का प्रकाश मे आया है। उक्त ग्राम के गरीब आदिवासी बब्बू का मकान लगातार वारिश के चलते गिर गया। जिससे उसका घर ग्रहस्थी का सारा समान खराब हो गया तथा बब्बू का परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है। खाने पीने के लिए राशन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। मकान ढह जाने के संबंध में जब पीड़ित ने हल्का पटवारी को अवगत कराया तो पटवारी तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी सर्वे करने नहीं पंहुचे है, तथा पीडित द्वारा बताया गया कि पटवारी जी द्वारा लगातार वहाने बाजी की जा रही है, एंव रिवश्वत की मांग भी पटवारी द्वारा की गई है। पीडित का कहना है कि मेरे पास खाने पीने के लिए भी राशन पानी नही है। मकान, मे पानी भर जाने के कारण सारा समान खराब हो गया है। चार चार बच्चे है, परिवार को पालने के लिए राशन एवं पैसे की बहुत आवश्यकता है, उसके बावजूद अधिकारी कर्मचारीयों द्वारा इस प्रकार से आम गरीबो को परेशान किया जा रहा है। पीडित ने जिले के कलेक्टर तथा वरिष्ट अधिकारीयों से सहायता राशि दिलाये जाने की मांग की है।

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