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स्पेषल ब्रांच में नियुक्ति के कारण दस साल से नहीं मिला प्रमोषन, हाईकोर्ट ने दिये डीजीपी को 30 दिनों में निर्णय लेने आदेष

सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर २९ जुलाई ;अभी तक;  पुलिस विभाग की स्पेषल ब्रांच में होने के कारण विगत दस सालों से पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में राहत चाही गयी थी कि याचिकाकर्ता का संवर्ग या स्थानातंरण सामान्य व अन्य षाखा में किया जाये। हाईकोर्ट जस्टिस एम एस भटटी ने याचिका की सुनवाई करते हुए डीजीपी को निर्देषित किया है कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर 30 दिनों में निर्णय लेते हुए आदेष पारित करें।
                                  याचिकाकर्ता रमेष साहू की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह पुलिस विभाग की स्पेषल ब्रांच में साल 2013 से सूबेदार के पद पर पदस्थ है। नियुक्ति दिनांक से वह एक ही स्थान पर पदस्थ है और पदोन्नति की कोई संभावना नहीं है। सामान्य षाखा व अन्य षाखा में संवर्ग या स्थानातंरण करने संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेष किया था। जिसके जबाव में बताया गया था कि स्पेषल ब्रांच में पदस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति अन्य षाखा में किये जानेे का कोई प्रावधान नहीं है।
                                           याचिकाकर्ता द्वारा जीओपी-94 का हवाला देते हुए स्पेषल ब्रांच से स्पेषन आर्म्ड फोर्स में परिवर्तन किये जाने का हवाला देते हुए संबंधित अधिकारियों के समक्ष पुनः आवेदन किया गया था। एक साल से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद भी अभ्यावेदन को कोई विचार नहीं किये जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेष जारी किया। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रामेष्वर सिंह ठाकुर तथा अधिवक्ता राम भजन लोधी ने पैरवी की।

 

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