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हिंदी दिवस पर शहर से दूर गांव में मनाई गई परसाई जी की जन्म शताब्दी  

विजय सिंह सीधी से  

सीधी, 9 सितम्बर ;अभी तक ;   हिंदी दिवस के अवसर पर सीधी जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर मझौली तहसील अंतर्गत देवई ग्राम में कवि लेखकसाहित्यकारपत्रकारों ने हिंदी दिवस के अवसर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई तथा वैज्ञानिक भोलानाथ तिवारी का जन्म शताब्दी कार्यक्रम मनाया। प्रथम प्रबोधन सत्र की अध्यक्षता हिंदी साहित्य सम्मेलन सीधी के अध्यक्ष डॉ अनिल सिंह ने की तथा मुख्य अतिथि प्रगतिशील लेखक संघ सीधी अध्यक्ष सोमेश्वर सिंह रहे।

    डॉ अनिल कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा लोक भाषा हिंदी को समृद्ध करती है। परिस्थितियों के अनुसार भाषा बनती बिगड़ती है। यह शदी दबाव की है। हर तरह का साहित्य हावी हो रहा है। सभी विचारधाराओं का स्वागत किया जाना चाहिएकिंतु जड़ता का प्रतिकार भी। मनुष्यताप्रेमकरुणाभाईचारा बना रहे आज ऐसी भाषा और साहित्य की जरूरत है। सिर्फ शब्दों को लेकर नाचने कूदने की जरूरत नहीं है।

    प्रगतिशील लेखक संघ सीधी के अध्यक्ष सोमेश्वर सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-भाषा संप्रेषण का साधन है। जिसे सरलसहजसंप्रेषणीय और परिवर्तनशील होना चाहिए। किसी भाषा में जड़ता नहीं होनी चाहिए। जरूरत के अनुसार समाज द्वारा भाषा बोली और गढ़ी जाती है। इसीलिए अनुपयोगी भाषाएं विलुप्त होती जा रही है। राष्ट्रभाषा का निर्माण सरकार नहीं जनता करेगी।

     प्रगतिशील लेखक संघ मध्य प्रदेश के सचिव मंडल सदस्य डॉ शिवशंकर मिश्र सरस ने अपने संबोधन में कहा हिंदी बोलियों का समुच्चय है। बोलियों ने हिंदी को समृद्ध किया है। बाजारवाद से भाषा प्रभावित होती है। आवश्यकता के अनुसार भाषा बनती बिगड़ती है। भाषा कोई भी हो यदि उसमें लोक जीवन और लोक संस्कृति नहीं है तो वह मृतप्राय है। उन्होंने प्रेमचंद और परसाई का स्मरण करते हुए कहा पराधीन भारतीय समाज को जानना है तो मुंशी प्रेमचंद को पढ़ें और आजादी के बाद के भारत को जानना है तो हरिशंकर परसाई को पढ़ना चाहिये।

    द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी हुई जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्ति प्राचार्य रामकुमार सिंह ने की तथा मुख्य अतिथि डॉ. शिव शंकर मिश्र सरस रहे। कवि गोष्ठी में बघेली के शीर्ष कवि शिवपाल तिवारी आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर बघेली के प्रतिष्ठित कवि शिवशंकर मिश्र सरसअशोक तिवारी अकेलाललित श्रीवास्तव रावेन्द्र शुक्ला स्थानीय कवियों में सम्राट मिश्रामुकेश मयूरमथुरा तिवारीविवेक तिवारीरामलाल पयासीसतसत मिश्रा आदि ने काव्य पाठ किया।

    कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र सिंह गौतम ने किया। कार्यक्रम के आयोजक रावेन्द्र शुक्लाललित श्रीवास्तवडॉ. संतोष तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन में रामकुमार सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। छत्रपति सिंह मास्टर साहब ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अंचल के दिवंगत कवि पूर्णचंद सेन तथा उन्नत कृषक वंशराखन सिंह को याद किया गया।

   कार्यक्रम में मुद्रिका प्रसाद द्विवेदीविवेक कुमार तंवरतनशन मिश्रारामलाल पयासीमथुरा तिवारीमुनेश द्विवेदीलाल सजीवन शर्माकृष्ण लाल पयासीपत्रकार ज्योति प्रकाश नामदेवरामकुमार तिवारीअखिलेश जायसवालजगन्नाथ सिंहविवेक तिवारीगुलाब सिंह सहित अन्य विशिष्ट जनों प्रबुद्ध ग्रामीणों की उपस्थिति  उपस्थिति उल्लेखनी रही।

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