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जैन श्रावक श्राविकाये वर्ष में 11 कर्तव्य अवश्य पूरे करे- साध्वी उर्विता श्रीजी

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १ सितम्बर ;अभी तक ;   जैन धर्म व दर्शन में जैन श्रावक श्राविकाओं के 11 कर्तव्य बताये गये है। प्रत्येक जैन श्रावक श्राविका को इन 11 कर्तव्यों को अवश्य ही पूर्ण करना चाहिये। ये 11 कर्तव्य एक वर्ष में पूर्ण किये जाने चाहिये तभी हम सच्चे जैन कहलाने योग्य बनेंगे।
                                     उक्त उद्गार प.पू. जैन साध्वी श्री उर्विताश्रीजी म.सा. ने साध्वी श्री विशुद्धप्रज्ञाजी म.सा. की पाव उपस्थिति में चौधरी कॉलोनी स्थित रूपचांद आराधना भवन में कहे। आपने पर्युषण पर्व के द्वितीय दिवस रविवार को यहां धर्मसभा में कहा कि पर्युषण पर्व की समाप्ति से लेकर अगले पर्युषण पर्व तक वर्ष मंे 11 कर्तव्य श्रावक श्राविकाओं के लिये बताये गये है ये कर्तव्य है संघ पूजा, सधर्मी भक्ति, यात्रा तीर्थ, स्नात्र महोत्सव, देवद्रव्य वृद्धि, प्रभु महापूजन, रात्रि जागरण, श्रुत ज्ञान पूजा, उजमना, तीर्थ प्रभावना ऐसे 11 कर्तव्य है जो उत्कृष्ठ श्रावक श्राविकाओं को पूर्ण करने ही चाहिये।
गुरू के प्रति सच्ची श्रद्धा रखो- साध्वीजी ने कहा कि जैन साधु साध्वियों के प्रति श्रावक श्राविकाओं को पूर्ण आदर व श्रद्धा भाव रखना चाहिये। आपने मुगल बादशाह अकबर का वृतानत बताते हुए कहा कि वे हेमचन्द्रसूरिश्वरजी के प्रति बहुत श्रद्धा रखता था। मुस्लिम बादशाह होने के बावजूद भी वह उनकी प्रत्येक आज्ञा का पालन करता था। उसने गुरू की आज्ञा पर अपने राज्य में जजिया कर समाप्त कर दिया था तथा शत्रुंजय तीर्थ में प्रवेश पर जो कर लगता था वह  समाप्त कर दिया था। इसके अलावा पर्युषण पर्व में कत्लखाने बंद रखने का भी फरमान जारी किया था जब एक मुस्लिम बादशाह जैन संत से इतना प्रभावित हो सकता है तो हम क्यों गुरू की आज्ञा की अवहेलना करे। हमें गर्व होना चाहिये कि हम जैन कुल में जन्मे है।  धर्मसभा में बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे। प्रभावना लक्ष्मीलाल संदीप धींग जैन नमकीन की ओर से वितरित की गई।

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