प्रदेश
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत गाँव-गाँव व शहर-शहर में हो रहा है जल संरचनायें सहेजने का काम
महावीर अग्रवाल
मंदसौर 9 जून ;अभी तक; नदियों व जलाशयों को पुनर्जीवन देना “जल गंगा संवर्धन अभियान” का अहम पहलू है। नागरिकों की भागीदारी से इस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी सिलसिले में जिला प्रशासन, नगर पालिका, जन अभियान परिषद, सामाजिक कार्यकर्ता, आम नागरिक शनिवार को गेंती, फावड़ा, कुदाल व तस्सल थामकर स्थानीय निवासियों के साथ साफ-सफाई के लिये मंदसौर शहर में गुरु कृपा कॉलोनी में स्थित 500 वर्ष पुरानी बावड़ी में उतरे।
सभी ने श्रमदान कर प्राचीन बावड़ी को पुनर्जीवित करने में सभी से सहयोग करने का आह्वान किया। राज्य सरकार की पहल पर शुरू हुए “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत भूमि जल व वर्षा जल को सहेजने के लिए पुरानी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। मंदसौर शहर सहित जिले के अन्य कस्बों एवं ग्रामीण अंचल में जन सहभागिता से जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ है।
यह अभियान 16 जून तक चलेगा। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों ने भी हाथ बटाया। भूमि का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें वर्षा जल सहेजने के लिए साझा प्रयास करने होगें। यह काम अकेले शासन व प्रशासन से संभव नहीं है। इसमें समाज को भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना होगा। जिले में हर दिन जल संरचनाओं को सहेजने का कार्य किया जा रहा है। जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों से होकर बह रहीं नदियों, सहायक नदियों, बाँध, तालाब व अन्य जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य के लिये सुनियोजित योजना बनाकर काम किया जा रहा है। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, उपाध्यक्ष श्रीमती चावला, नगर पालिका सीएमओ, जन अभियान परिषद, सामाजिक कार्यकर्ता, आम नागरिक, पत्रकार सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी श्रमदान में सहभागिता की।