रेंजर प्रजापति का बड़ा कारनामा भू-माफियाओं को बेंच दी वन विभाग की करोड़ो की जमीन, विगत माह इसी जमीन पर हुआ था वृक्षा रोपण
दीपक शर्मा
पन्ना २६ अगस्त ;अभी तक ; पन्ना जिले में अधिकारीयों के अजीव कारनामे प्रकाश मे आ रहें है। जहां एक ओर पन्ना जिला प्रदेश में भ्रष्टाचार में सबसे अधिक अव्वल है तथा हर महीना लगभग लोकायुक्त की कार्यवाहीयां हो रही है। उसके बावजूद कोई अंकुश नही लग रहा है। भ्रष्टाचार शासकीय योजनाओं मे करने के बाद अब जिले के अधिकारी शासकीय जमीने भी भू माफियाओं को खुर्द बुर्द करके बेचने का काम करने लगें है।
इसी प्रकार का मामला उत्तर वन मंडल अन्तर्गत अजयगढ़ वन परिक्षेत्र का सामने आया है। जहां पर पदस्थ वन परिक्षेत्राधिकारी रीतेश प्रजापति द्वारा कार्यालय परिषर से लगीं हुई वेश कीमती लगभग 19 हजार वर्ग फुट जमीन एक भूमाफिया के सुपुर्द कर दी गई है तथा उक्त जमीन के बदले मे करोड़ो की राशि लेने की चर्चाए सुत्रो द्वारा पता चली है। ज्ञात हो कि अजयगढ स्थित वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय के बगल में स्थित जंगल की जमीन रकवा नम्बर 42/1 एस जिसमें विगत माह 29 जुलाई 2024 को एक पेंड़ मॉ के नाम वृक्षा रोपण कराया गया था। जिसमें तहसील स्तरीय अधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं विद्यालय के बच्चे शामिल हुए थें और उक्त जमीन पर बकायदा वृक्षा रोपण कराया गया था। उसी जमीन को विगत दिनों भू माफिया जो प्लाटिंग का कार्य करते है। उनका कब्जा करवा दिया तथा शासकीय वन विभाग की जमीन को आंगे करते हुए बाउन्ड्री बाल बना ली गई है।
उक्त मामले की सूचना स्थानीय लोगो द्वारा वनमंडलाधिकारी को दी गई। जिस पर वनमंडलाधिकारी गर्वित गंगवार द्वारा जमीन का सीमांकन कराने एवं संबंधित जमीन से अतिक्रमण करने वाले भू माफियाआें को अलग करने के निर्देश दिये गये है तथा जांच प्रारंभ कर दी गई है। उक्त जमीन जो रकवा नम्बर 42/1 में है वह 4.39 हेक्टेयर लगभग 19 हजार वर्ग फिट है।
ज्ञात हो कि जिस वेशकीमती जमीन पर विगत माह बकायदा वृक्षा रोपण कार्य किया गया था। अचानक उसी जमीन को अतिक्रमण कारीयों के द्वारा कब्जा कर लेना संन्देह के दायरे मे है तथा पूर्व से ही वन परिक्षेत्राधिकारी की मिली भगत उजागर हो रही है। तथा भू माफिया द्वारा संबंधित जमनी पर अपनी बाउन्ड्री बाल बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस प्रकार करोडो की जमीन भू माफिया को वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा दे देने से हलचल मची हुई है। इसी प्रकार का मामला विगत महिनो अजयगढ कस्वा में ही पशुपालन विभाग की जमीन का सामने आया था।
इनका कहना हैः-
वनमंडलाधिकारी के निर्देश पर सीमांकन के लिए विभाग के माध्यम से तहसीलदार को आवेदन भेजा गया है, उक्त जमीन वन विभाग की है या निजी है यह स्पष्ट नही हुआ है सीमांकन के बाद ही स्पष्ट होगा, हमारे द्वारा राजस्व की टीम के साथ सीमांकन कराकर जांच की जायेगी।
दिनेश गौर, उपवनमंडलाधिकारी उत्तर वनमंडल पन्ना
मेरे द्वारा किसी प्रकार की जमीन नहीं बेंची गई है और न ही अतिक्रण कराया गया है, उक्त मामले मे डीएफओं साहब द्वारा टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिये गये है, दल गठित करके जांच हो रही है, मुझे बदनाम किया जा रहा है, जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जायेगा।
नीलेश प्रजापति वन परिक्षेत्राधिकारी अजयगढ जिला पन्ना