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भक्त प्रहलाद सहित अन्य भक्तों की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

दीपक शर्मा

पन्ना १८ जनवरी ;अभी तक; पन्ना शहर के साइंस कॉलेज के सामने आयुर्वेद चिकित्सक डॉ भास्कर द्विवेदी के निज निवास पर चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। इसमें कथा व्यास पंडित दशरथ प्रसाद त्रिपाठी महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे।

कथा की शुरूआत गुरु वंदना के साथ की गई। इसके उपरांत उन्होंने समुद्र मंथन सहित भगवान के चौबीस अवतारों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही भक्त प्रहलाद को भगवान का सानिध्य प्राप्त हुआ है। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली के सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य श्रोता पंडित उमा शंकर द्विवेदी धर्मपत्नी श्रीमती गायत्री द्विवेदी है।

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