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आचार्य सन्मति कुंज में मुनिद्वय का केशलोच सम्पन्न

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २७ अक्टूबर ;अभी तक;  27 अक्टूबर, शुक्रवार को दिगम्बर जैनमुनि 108 श्री सुखसागरजी महाराज, मुनि 108 श्री शुद्धसागरजी महाराज का केशलोच संत निवास ‘‘सन्मति कुंज’’ नाकोड़ा नगर में ब्रह्मचारी विनय भैया ने करवाया।
                             डॉ. एस.एम. जैन ने बताया कि दिगम्बर जैन समाज में केशलोचन साधु का सबसे बड़ा तप है जो अपने शरीर से ममत्व को त्यागने का प्रतीक है। जैन आगम के अनुसार दिगम्बर जैन मुनि अट्ठाईस मूल गुणों का पालन करते है उसमें एक केशलोच मूलगुण है।
                                    प्रारंभ में चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन श्रावक श्रेष्ठी श्री विजेन्द्र सेठी, राजमल गर्ग, आदिश गर्ग, महावीर दलौदा, राजकुमार बाकलीवाल के द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट डॉ. एस.एम. जैन, बाबूलाल कुलथाना, अशोक जैन चयन, नंदकिशोर अग्रवाल, अरविन्द मेहता, अभय मादावत, कोमलप्रकाश जैन ‘पंछी’, मानमल जैन, शांतिलाल कुलथाना, मुकेश जैन, सुरेश मिण्डा, राजकुमार पाटनी, सुरेश तेलवाला, अंजीत बंडी आदि के द्वारा भेंट किये गये।
इस अवसर पर समाज गौरव डॉ. एस.एम. जैन द्वारा संत निवास ‘‘सन्मतिकुंज’’ बनाकर समाज के उपयोग हेतु दिये जाने पर उनका बहुमान किया गया। डॉ. एस.एम. जैन के प्रति समाजजनों ने आभार माना। आयोजन में बड़ी संख्या में समाजजनों ने उपस्थित होकर धर्मलाभ प्राप्त किया।  कार्यक्रम के पश्चात् प्रभावना वितरित की गई।

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