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खजुराहो में राग बसंत की लय पर बना गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, नृत्य की झंकार से एक बार फिर मुस्कुराई खजुराहो की धरा

 रवींद्र व्यास
छतरपुर 20 फरवरी ;अभी तक; 50वें  खजुराहों नृत्य समारोह  में राग बसंत की लय पर 1484 कथक नृत्य साधकों  ने  गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड रच दिया। हाथो में दीपक लेकर जब लय और ताल के साथ घुंघरू साधकों के कदम मिले तब भारतीय संस्कृति और परंपरा एक साथ मुस्कुरा उठीं। मुव्ख्मंत्री डॉ. मोहन यादव के प्राचीन वाद्य यंत्र नगाड़ा की ताल और नृतकों के घुंगुरुओं की झंकार ने इस नृत्य समारोह  को यादगार बना दिया।
                               इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का पर्व मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भगवान नटराज महादेव को समर्पित साधना की यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति का गौरव बन भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करेंगी। नृत्य आराधना परमात्मा की साधना का मार्ग है। यह ईश्वर से सीधा संपर्क का पवित्र माध्यम हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नृत्य गुरुओं और नर्तक नृत्यांगनाओं को कीर्तिमान रचने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
                               सुप्रसिद्ध नृत्य गुरु राजेंद्र गंगानी की कोरियोग्राफी में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नर्तक नृत्यांगनाओं ने 20 मिनट की प्रस्तुति को राग बसंत में निबध्द कर प्रस्तुत किया।
                              मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को विशेष बनाते हुए खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरुकुल में जनजातीय और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक कलाओं मसलन शिल्प, नृत्य, गायन, वादन, चित्र और उनके मौखिक साहित्य को वरिष्ठ गुरुओं के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। इस गुरुकुल की परिकल्पना इस तरह से होगी, जहाँ ग्रामीण जनजीवन में उनके समग्र विकास के साथ पारंपरिक हुनर और देशज ज्ञान पद्धतियों को संरक्षण मिलेगा। साथ ही पूर्वजों की विरासत को भी विस्तार मिलेगा।
                                   सांसद खजुराहो व्ही.डी. शर्मा, संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, विधायक राजनगर अरविंद पटेरिया, छतरपुर विधायक ललिता यादव, बिजावर विधायक राजेश शुक्ला, महाराजपुर विधायक कामाख्या प्रताप सिंह, सहित अन्य जनप्रतिनिधि और  प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, डीआईजी ललित शाक्यवार, कलेक्टर संदीप जी.आर., एसपी अमित सांघी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
                                     उल्लेखनीय है कि विश्व संगीत नगरी ग्वालियर में डेढ़ माह पहले ही तानसेन समारोह के अंतर्गत ताल दरबार कार्यक्रम में एक साथ 1,282 तबला वादकों की प्रस्तुति  ने “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में मध्यप्रदेश का कीर्तिमान स्थापित किया था।
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                             मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने के आदिवर्त जनजातीय कला संग्रहालय का किया अवलोकन, आदिवासी कला और संस्कृति से हुए रूबरू
*देश के पहले कला गुरुकुल का किया भूमिपूजन*
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                                     मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को खजुराहो के आदिवर्त जनजातीय एवं लोक कला संग्रहालय का अवलोकन कर जनजातीय संस्कृति और लोक कला से रूबरू हुए। कलाकारों के दल द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन पर पारंपरिक संस्कृति अनुसार आत्मीय स्वागत किया गया। आकर्षक लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां भी दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी कलाकारों के साथ ढोलक और वाद्य यंत्रों की थाप पर नृत्य किया। साथ ही संग्रहालय में कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुएं भी देखीं। भारिया, गोंड, कोल और भील घर पहुंचकर जनजातीय कलाकारों से संवाद किया तथा जनजातीय वर्ग के आवासों में पहुंचकर उनके रहन सहन और संस्कृति को देखा और कला एवं निर्मित विभिन्न उत्पादों की सराहना कर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। यहां गोंड समुदाय के चित्रकार श्री संतू तेकाम के चित्रों की प्रदर्शनी भी देखी। मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों ने सांस्कृतिक गांव आदिवर्त की सराहना की। उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग द्वारा आदिवर्त को मध्यप्रदेश जनजातीय एवं लोककला राज्य संग्रहालय के रूप में परिकल्पित किया गया है। सांस्कृतिक ग्राम में जनजातीय गांव के परिदृश्य को शामिल किया गया है।
                             आदिवर्त के भ्रमण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देश के पहले एवं इकलौते पारंपरिक कलाओं के गुरुकुल का भूमिपूजन भी किया।

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