प्रदेश
सागर म्यूजिकल ग्रुप ने मनाया किशोर दा का 95वां जन्मदिवस
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर। ५ अगस्त ;अभी तक; 4 अगस्त को सागर म्यूजिकल ग्रुप के संगीत प्रेमियों ने किशोरकुमार के सदाबहार नगमों की बरसात से नगर संगीत प्रेमियों को सराबोर करते हुए आपका 95वां जन्मदिवस नगरपालिका सभागृह में नगर के स्वाद शहंशाह गुप्ता कचोरी के संचालक प्रवीण गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में मनाया।
इस अवसर पर श्री गुप्ता ने कहा कि जैसे स्वाद की अनुभूति जुबान से होती है वहीं जुबां पर आये नगमों से तनाव से मुक्ति मिलती है। आपने किशोर दा का गीत ‘‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे’’ सुनाकर सभी को मित्रता दिवस की भी बधाई दी।
कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. के.एल. राठौर, भरत लखवानी, स्वाती रिछावरा, रानी राठौर, महेश सोलंकी, त्रिलोक रूपलानी, श्याम गुप्ता, पारूल मण्डलोई, श्रीमती सोनी के द्वारा मॉ सरस्वती चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन से हुई।
इस अवसर पर भरत लखवानी ने बताया कि सागर म्यूजिकल ग्रुप की स्थापना 4 अगस्त के दिन ही 2012 में हुई थी। इसलिये किशोर दा का जन्मदिवस और सागर म्यूजिकल का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष एक साथ मनाते है।
कार्यक्रम में राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा’’, स्वाति रिछावरा ने ‘‘हमें ओर जीने की चाहत न होती’’, पारूल मण्डलोई ने ‘‘लेकर हम दिवाना दिल’’, तेजकरण चौहान ने ‘‘ओ मेरे दिल के चेन’’, भरत लखवानी ने ‘‘लिये सपने निगाहों में, चला हू तेरी राहो में’’, रानी राठौर ने ‘‘प्यार दिवाना होता है, मस्ताना होता है’’, महेश त्रिवेदी ने ‘‘हमें तुमसे प्यार कितना, ये हम नहीं जानते’’, नरेन्द्र सागोरे ने ‘‘चिंगारी कोई भड़के, सावन उसे बुझाये’’, उदय सिसौदिया ने ‘‘जिन्दगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा’’, नन्दकिशोर राठौर ने ‘‘रात कली एक ख्वाब में आई’’, श्याम गुप्ता ने ‘‘आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है’’, सिमरन बैलानी ने ‘‘मेरे नैना सावन भादौ, शिवानी लोट ने ‘‘कहना है, कहना है, आज तुमसे यह पहली बार’’, महेश सौलंकी ने ‘‘पल पल दिल के पास, तुम रहती हो’’ गीत को सुनाया। फैनी जैन ने बांसुरी पर ‘‘मेरे सामने वाली खिड़की में’’ सुनाया। संचालन त्रिलोक रूपलानी ने किया व आभार भरत लखवानी ने माना।
इस अवसर पर भरत लखवानी ने बताया कि सागर म्यूजिकल ग्रुप की स्थापना 4 अगस्त के दिन ही 2012 में हुई थी। इसलिये किशोर दा का जन्मदिवस और सागर म्यूजिकल का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष एक साथ मनाते है।
कार्यक्रम में राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा’’, स्वाति रिछावरा ने ‘‘हमें ओर जीने की चाहत न होती’’, पारूल मण्डलोई ने ‘‘लेकर हम दिवाना दिल’’, तेजकरण चौहान ने ‘‘ओ मेरे दिल के चेन’’, भरत लखवानी ने ‘‘लिये सपने निगाहों में, चला हू तेरी राहो में’’, रानी राठौर ने ‘‘प्यार दिवाना होता है, मस्ताना होता है’’, महेश त्रिवेदी ने ‘‘हमें तुमसे प्यार कितना, ये हम नहीं जानते’’, नरेन्द्र सागोरे ने ‘‘चिंगारी कोई भड़के, सावन उसे बुझाये’’, उदय सिसौदिया ने ‘‘जिन्दगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा’’, नन्दकिशोर राठौर ने ‘‘रात कली एक ख्वाब में आई’’, श्याम गुप्ता ने ‘‘आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है’’, सिमरन बैलानी ने ‘‘मेरे नैना सावन भादौ, शिवानी लोट ने ‘‘कहना है, कहना है, आज तुमसे यह पहली बार’’, महेश सौलंकी ने ‘‘पल पल दिल के पास, तुम रहती हो’’ गीत को सुनाया। फैनी जैन ने बांसुरी पर ‘‘मेरे सामने वाली खिड़की में’’ सुनाया। संचालन त्रिलोक रूपलानी ने किया व आभार भरत लखवानी ने माना।