महिला को अपने साथ हुए बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना भारी पड़ा
मयंक शर्मा
खंडवा १४ अक्टूबर ;अभी तक; खंडवा में एक महिला को अपने साथ हुए बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना भारी पड़ गया. न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए झूठी गवाही देने वाली महिला के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए है।
शासकीय अभियोजक ने बताया कि समाज में झूठी रिपोर्ट दर्ज करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए माननीय न्यायालय ने न्यायालय और कानून की गरिमा बनाए रखने के मद्देनजर महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए है.
उन्होने बताया कि एक मामले की सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि श्श्इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि दुष्कर्म से पीड़िता को सबसे ज्यादा परेशानी और अपमान सहना पड़ता होता है, लेकिन साथ ही दुष्कर्म का झूठा आरोप आरोपी को भी उतना ही कष्ट, अपमान और नुकसान पहुंचा सकता है. किसी व्यक्ति को रेप के झूठे मामले में फंसाने से बचाए जाने की जरूरत है..
दरअसल घटना पिपलोद थाना क्षेत्र की है. जब लगभग 3 वर्ष पहले एक महिला ने गांव के ही एक व्यक्ति पर मारपीट और बलात्कार करने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई. पुलिस ने जांच पड़ताल कर महिला उत्पीड़न, बलात्कार एवं अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया.
वहीं न्यायालय ने जब महिला को समय-समय पर बयान दर्ज करने के लिए बुलवाया तब वह बार-बार बयान बदलती रही. आखिर बयान में उसने कहा कि उसके साथ आरोपी ने ऐसी कोई घटना नहीं की थी. परिवार वालों के दबाव के कारण उसने आरोपी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इस महिला ने यह भी बताया कि फिलहाल में वह उसी आरोपी के साथ पत्नी के रूप में रह रही है. इसी आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए. महिला के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करने के कारण अलग से थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए.