प्रदेश

नाबालिग पर बुरी नियत के आशय से हमला करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

दीपक शर्मा

पन्ना १४ अक्टूबर ;अभी तक; जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के मीडिया प्रभारी/सहा.जि.लोक अभि.अधि. ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक 14.07.2022 को अभियोक्त्री ने थाना अमानगंज में उपस्थित होकर इस आशय का लिखित शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया है कि दिनांक 13.07.2022 को रात्रि लगभग 10ः00 बजे उसके माता-पिता एवं भाई घर के दरवाजे के बाहर बैठे थे तथा वह घर के पीछे तरफ बने बाथरूम में बाथरूम करने गयी तो अचानक उसके पीछे से अभियुक्त फूलचंद्र आया और आकर उसका बुरी नियत से दाहिना हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगा, वह जोर से चिल्लाई तथा अपना हाथ खींचकर छुड़ाया तथा उसने बल्ब की रोशनी में अभियुक्त को पहचाना है। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर उसके माता-पिता तथा उसका भाई दौडे तो वह पीछे के रास्ते से भाग गया। रात्रि होने से वह रिपोर्ट करने नहीं आयी है, आज रिपोर्ट करने आयी है।

अभियोक्त्री के उक्त लिखित शिकायत आवेदन के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध थाना अमानगंज में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना सुसंगत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए एवं घटनास्थल का नक्शामौका तैयार किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय महेन्द्र मंगोदिया विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी फूलचरण उर्फ फूलचंद्र चौधरी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया।

अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय महेन्द्र मंगोदिया विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय द्वारा आरोपी-फूलचरण उर्फ फूलचंद्र चौधरी को क्रमशः धारा- 354 भादसं. एवं 7/8 पॉक्सो एक्ट के आरोप में क्रमशः 01 वर्ष एवं 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए,  2000 रूपए  के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

Related Articles

Back to top button