करीब दो लाख श्रद्धालु नर्मदा में डुबकी लगाकर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लियं कतारबद्ध
मयंक शर्मा
खंडवा १४ अक्टूबर ;अभी तक; नर्मदा तट की जिले की ज्योंतिर्लिग नगरी ओंकारेश्वर में सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) पर शनिवार को नर्मदा स्नान के लिए घाटों से लेकर मुख्य मार्ग तक जनसैलाब नजर आया। शुक्रवार शाम से ही श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे थे। भीड़ के चलते मोरटक्का व कोठी से ही बसों और बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया था। ऐसे में लोगों को चार से पांच किलोमीटर पैदल चलना
पड़ा। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा स्नान के लिए आने वाली भीड़ को बांटने के लिए परपंरागत मार्गों में बदलाव किया ।
एसडीएम बजरंग बहादुर ने बताया कि संगम घाट जाने के लिए नए बस स्टैंड से नवीन घाट से अस्थाई पुल से श्रद्धालु नर्मदा पार भेजा जा रहा है। अमावस्या पर उमड़ने वाली भीड़ की संभावनाओं को देखते हुए अधिकारी शुक्रवार सेवा से ही यहां डटे हुए हैं।तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर 2 लाख भक्तो की भीड रही। सर्व पितृ मोक्ष जिसे निमाड़ मालवा में भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है,।
शुक्रवार शनिचार दरम्यिानी मध्य रात से देह बाधा पीडितों के उपवार के तांत्रिक क्रियायें शुरू हो गयी थी तो शनिवार देर शाम तक जारी रही। दे बाध से पीडित करीब 3 हजार से अधिक लोग रातभर नर्मदा नदी में पूजा-पाठ का दौर भी चला। शनिचर व अमावश्या के संयोग होने के करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने नम्रदा के विभिन्न घाटों परं स्नान किया फिर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिये समर्पित किया। श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के मोक्ष के लिए घाटों पर पूजन व तर्पण भी किया।
ं 16 श्राद्ध के समापन पर सर्वपितृ मोक्ष तथा शनिचरी अमावस्या एक साथ आने से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा अभय घाट के निकट रपटें से श्रद्धालुओं को संगम घाट की ओर भेजा गया। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों की वजह से जेपी चैक पर भी भारी भीड़ रही ।यहां प्रशासन द्वारा रोक- रोक कर श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है।
प्रशासन द्वारा भीड़ के मद्देनजर वाहनों को शुक्रवार शाम से ही कोठी तिराहे और नए बस स्टैंड के पास रोकना शुरू कर दिया था। वाहनों के दबाव को देखते हुए मोरटक्का से भी वाहनों को रोककर छोड़ने की व्यवस्था लागू की गई। इसके बावजूद ओंकारेश्वर तक वाहनों की लंबी कतार लगी। इससे यात्रियों को पांच से सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी सुबह पांच बजे से दर्शनार्थी कतारबद्ध हो गये थे। नर्मदा स्नान और दर्शन के उपरांत कई श्रद्धालुओं द्वारा ओंकार पर्वत की परिक्रमा शुरू की गयी। शुक्रवार चैदस से भक्तों का आना शुरू हो जाएगा। शनिवार अमावस्या, रविवार नवरात्रि प्रतिपदा एवं छुट्टी होने से 3 दिन भीड़ रहेगी।
एसडीएम ने कहा कि कही से किसी अप्रिय घटना की खबर नही हे। नूर्प म सम्पन्न बैठक में तय अनुसार यात्री बसें मोरटक्का से आगे नहीं जाएगी। यात्री मोरटक्का उतरकर टेम्पू से पुराने बस स्टैंड नहुचे े। किराया 30 रु. प्रति सवारी रखा गया था। छोटे चार पहिया वाहन कोठी तिराहे तक जाने की छूट थी। यहां पार्किंग करके टैम्पू, मैजिक वाहन से पुराने बस स्टैंड किराया 20 रुपए, पुराने बस स्टैंड से आगे कोई वाहन नगर प्रवेश निरूोध रहा। पानी, बिजली, सफाई की पर्याप्त व्यवस्था मार्गाे, घाटों व परिक्रमा पथ पर होने की बात एसडीएम ने कही। सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल तैनात रहा। स्नान के घाटों पर 10 सुरक्षा नाव मय उपकरण के तैनात थी। एनएचडीसी द्वारा बांध के जल स्तर पियंत्रण कर नम्रदा का जल स्तर सामान्य रखाग्रया ताकि घाटों पर स्नान करने में परेशानी न हो एवं ओंकार पर्वत को जोड़ने वाला रपटा पुल चालू रहे जिससे पैदल आवागमन होगा।
मंदिर में दर्शन के लिए सभी को सुलभता से दर्शन हो बगैर दर्शन के कोई लौटे नहीं इसलिए फूल, बिल्व पत्र, नारियल, प्रसाद जल प्रवेश द्वार पर ले लिए जाते रहे। ।
गर्भ गृह में केवल दर्शन कराए गये।