नर्सों कि हड़ताल पर कोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने के लिये एक दिन का समय दिया
आनंद ताम्रकर
बालाघाट १४ जुलाई ;अभी तक; 10 जुलाई से चल रही नर्सों कि हड़ताल अवेध है तो सरकार ने हड़ताली नर्सों के खिलाफ क्या कारवाही की। लिखित में जवाब प्रस्तुत करने के लिये सरकार को 1 दिन की मोहलत दी। अगली सुनवाई 15 जुलाई को नियत की।
नागरिक उपभोक्ता मंच डॉक्टर पी जी नाजपनाडे और रजत भार्गव ने वर्ष 2021 में नर्सिंग एसोसिएशन के दौरा की जा रही हड़ताल को चुनौती दी थी जिसमे माननीय उच्च न्यालय ने हड़ताल को अवैध घोषित किया था साथ ही निर्देस दिए थे की नर्स हड़ताल अवधि के वेतन की अधिकारी नहीं रहेगी। उक्त आदेश के बाद भी नर्सिंग एसोसिएशन ने 10 जुलाई से फिर हड़ताल शुरू कर दी है जिसके खिलाप आज अंतरिम आवेदन प्रस्तुल कर एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया की न्यायालय के आदेश के बाद पुन हड़ताल गैर कानूनी है जिस पर सरकार की और से अतरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने न्यायालय में बताया की सरकार ने हड़ताल अवेध घोषित कर दी है जिस पर न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए की जब हड़ताल अवेध है तो हड़ताल करने बालों के खिलप क्या कारवाही की लिखित में प्रस्तुत करे तो न्यायालय ने सरकार को सक्त हिदायत दी की यदि सरकार अपने कर्तव्य पालन करने में असफल रहती है तो न्यायालय सक्त आदेश करने में परहेज नहीं करेगी। उक्त निर्देश के साथ मुख न्यायधीश एवम विशाल मिश्रा जी की खंडपीठ ने प्रकरण की सुनवाई सोमवार को नियत की हैं