प्रदेश
सांसद प्रतिनिधि सहित दो अन्य पर मामला दर्ज होने से नाराज केंद्रीय मंत्री नहीं लेंगे सुरक्षा में पुलिस की सेवाएं
सुनील गौतम
दमोह २९ जून ;अभी तक; मध्य प्रदेश के दमोह में केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद प्रह्लाद पटेल के नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि सहित तीन अन्य पर आत्महत्या के लिए प्रेरित किए जाने के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर अपनी सुरक्षा में तैनात एवं शासकीय आवास पर तैनात दमोह पुलिस की सेवायें लेने से मना कर दिया और पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल गुरुवार सुबह जब अपने शासकीय आवास पर दमोह में उपस्थित थे। उसी दौरान स्थानीय दमोह नगर के धरमपुरा वार्ड के सैकड़ों की तादाद में नागरिकों ने पहुंचकर केंद्रीय मंत्री के समक्ष नगर पालिका के सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज किए जाने का विरोध जताया जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कोतवाली पुलिस एवं पुलिस अधीक्षक दमोह द्वारा तत्काल में की गई। इस कार्यवाही का विरोध जताते हुए यह निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि 5 दिन पूर्व दमोह नगर के बजरिया वार्ड निवासी राशन दुकान के सेल्समैन विक्की उर्फ विक्रम रोहित के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के पूर्व उसके द्वारा दो पेज का सुसाइड नोट भी लिखा हुआ मिला था जिसमें दमोह नगर पालिका के सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर सांसद प्रह्लाद पटेल के नाम पर धमकाने पर, भाजपा नेता मोंटी रैकवार, नरेंद्र सूर्यवंशी एवं नरेंद्र परिहार पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया गया था। मृतक के परिजनों ने इस मामले में जिला अस्पताल चौराहे के समीप शव को रखकर प्रदर्शन भी किया था जिसमें पुलिस ने इस मामले में कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया था। घटना के बाद रैकवार समाज के लोगों ने भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर भाजपा नेता मोंटी रैकवार को इस मामले में निर्दोष बताते हुए इस प्रकरण से उसका नाम हटाने की भी मांग की थी जबकि कोतवाली पुलिस ने उक्त सभी 4 लोगों के विरुद्ध मामला जांच में लिया था और जांच के उपरांत इस मामले में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था।
इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को लगी तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की गंभीरता से जांच कराए जाने के आदेश दिए थे। साथ ही मृतक एवं उसके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की थी। इसके बावजूद भी पुलिस ने इस प्रकरण में सांसद प्रतिनिधि का नाम सहित अन्य तीन को आरोपी के रूप में मामला दर्ज कर लिया जिसके बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ने पुलिस की इस कार्यप्रणाली के चलते पुलिस की सेवाएं देने से मना कर दिया।
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि यशपाल ठाकुर एक जनप्रतिनिधि हैं और नगरपालिका में मेरे प्रतिनिधि हैं लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से जांच में नहीं लिया।पुलिस की इस कार्यप्रणाली से मैं पुलिस अधीक्षक और दमोह पुलिस से असंतुष्ट हूं। मैंने पहले भी कहा था कि मृतक एवं उसके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस मामले में गहराई से जांच की जाए। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाए लेकिन जो लोग इस तरह के झूठे मुकदमे दर्ज करा कर अपने मंसूबे में सफल होना चाहते हैं। वह कान खोल कर सुन ले कि उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे। दमोह पुलिस ने जो किया है मैं उस कार्यवाही के खिलाफ हूं। पुलिस अधीक्षक के खिलाफ हूं। यह जल्दबाजी में किया गया फैसला है। यशपाल मेरे कार्यकर्ता हैं, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं। मैं हर कीमत पर उनके साथ हूं। उसमें बाकी लोग भी हैं जिनके नाम लिखे हुए हैं। उसमें मेरा भी नाम है फिर तो मेरे खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मैंने कहा था इसकी बारीकी से जांच होना चाहिए । में इस कारण से दमोह पुलिस की किसी भी प्रकार की कोई सेवाएं नहीं लूंगा जब तक कि इस मामले की जांच नहीं हो जाती। मेरे शासकीय आवास या मेरे साथ में पुलिस का कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं रहेगा। मेरे निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा में किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं लूंगा।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह का कहना है कि विक्रम रोहित के सुसाइड नोट की जांच के उपरांत ही चार लोगों के विरुद्ध आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद अन्य जो जांचे हैं वह लगातार ही की जा रही हैं।