प्रदेश
रूमाल से गला-घोंटकर पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी को हुआ आजीवन कारावास
विधिक संवाददाता
इंदौर १६ फरवरी ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 15.02.2024 को माननीय न्यायालय- श्री जितेन्द्र सिंह कुशवाह, नवम अपर सत्र न्यायाधीश, इन्दौर (मध्य प्रदेश), ने थाना गाँधीनगर, इन्दौर के अपराध क्रमांक 150/2019 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी दीपू उर्फ दीपक आयु 37 वर्ष, निवासी जिला इंदौर को धारा 302 भा.दं.सं. में आजीवन कारावास व कुल 5000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में जिला लोक अभियोजन अधिकारी के निर्देशन पर अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री सुरेंद्रसिंह वास्केल द्वारा की गई।
अभियोजन मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी मांगीलाल ने इस आशय की देहाती नालसी थाना गाँधीनगर के ए.एस.आई. मुनिया को लेखबद्ध करायी कि वह राधानगर ग्राम धरनावद में मृतिका ज्योति केवट के घर के पास रहता है एवं बकरियाँ पालने का कार्य करता है। उसके पड़ोस में रहने वाले दीपू केवट और उसकी पत्नी ज्योति केवट के बीच में हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते थे। मृतिका ज्योति केवट उसके पति दीपू केवट के बताये बिना घर से चली जाती थी और कुछ दिन बाद वापस आ जाती थी। इसी बात को लेकर इनका विवाद चलता रहता था। दिनांक 20.05.2019 को सुबह करीब 10:30 बजे की बात है। दीपू केवट और उसकी पत्नी मृतिका ज्योति केवट के बीच लड़ाई-झगडे़ की आवाज आयी, फिर थोड़ी देर बाद उसके घर के पास से दीपू केवट भागता हुआ दिखा, उसने दीपू केवट से पूछा क्या हो गया, तो दीपू बोला कि ज्योति हमेशा लड़ती रहती है आज उसने उससे मारपीट की, इसलिए उसने उसका रूमाल से गला घोंटकर मार डाला, ऐसा कहकर भाग गया। तब उसने दीपू के घर जाकर देखा तो ज्योति केवट मरी पड़ी थी। उसने गाँव के कोटवार छतरसिंह और दीपू के मामा एवं गाँव वालों को खबर दी। दीपू केवट ने उसकी पत्नी ज्योति केवट का रूमाल से गला घोंटकर मार डाला तथा रूमाल ज्योति केवट के पास में ही पड़ा है। उक्त देहाती नालसी पर से थाना गाँधीनगर के द्वारा असल अपराध क्रमांक 150/2019, धारा 302 भा.दं.सं. की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान मृतिका का पी.एम कराया गया, जब्ती कार्यवाही की गई। घटनास्थल का नक्शामौका बनाया गया। घटनास्थल का एफ.एस.एल. अधिकारी द्वारा निरीक्षण एवं फोटो कराए गए। आरोपी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ कर मेमोरेण्डम तैयार किया गया तथा आरोपी को गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।