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फर्जी तरीके से प्लाट का 2 बार विक्रय करने वाले आरोपी को हुआ 7 वर्ष का सश्रम कारावास 

विधिक संवाददाता
     इंदौर २९ अगस्त ;अभी तक;  जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 28.08.2023 को माननीय न्यायालय – चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय, श्रीमान् जयदीप सिंह, इन्दौंर (मध्य प्रदेश), ने थाना चन्दन नगर, इन्दौर, जिला इन्दौर के सत्र प्रकरण क्रमांक 500554/2013 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी अब्दुल हफीज, उम्र 62 वर्ष, निवासी – नागदा, उज्जैन को धारा 467 भा.दं.वि. में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 420, 468 भा.दं.वि. में 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 3000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री हेमन्त  राठौर द्वारा की गयी।
                  घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 25.07. 2011 को फरियादी मो. रज्जाक ने थाना चंदननगर पर उपस्थित होकर एक लेखी आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसने मोहम्मद यामिन जिलानी पिता गुलाम से दो प्लाट खसरा क्रमांक 15/1 व 15/2 ग्राम सिरपुर बांक, इंदौर में प्लाट के 142 व 143 को दिनांक 03.05.1989 को 12000 रुपये में खरीदे थे और उक्त रुपये फरियादी व उसके रिश्तेदार ने किश्तों में दिये थे तथा मोहम्मद यामिन जिलानी द्वारा 03.05.1989 को 5 रुपये के स्टाम्प पेपर पर नोटरी वकील के माध्यम से अनुबंध लेख किया गया था, जिस पर मोहम्मंद यामिन जिलानी, फरियादी मोहम्मेद रज्जाक एवं गवाह अब्दुल हफीज व नंदकिशोर के हस्ताक्षर है। फरियादी ने प्लाट पर जाकर देखा तो उस पर दो मकान अलग बने थे और जानकारी लेने पर पता चला कि उक्त प्लाट आरोपी हफीज शाह ने हसीर शाह व एक अन्य किसी व्यक्ति को बेच दिये हैं, और वे लोग मकान बनाकर रह रहे हैं।
                               इस तरह आरोपी हफीज शाह ने फरियादी के प्लाट को किसी अन्य को बेच दिये हैं। फरियादी के आवेदन पत्र की पत्र की जांच के दौरान आरोपी अब्दुल हफीज एवं मोहम्मद यामिन जिलानी के कथन लेख किये गये। जांच उपरांत आरोपी अब्दुल हफीज के विरुद्ध अपराध क्रमांक 698/2011 अंतर्गत धारा 420 भा.दं.सं. की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी एवं प्रकरण विवेचना में लिया गया, विवेचना दौरान धारा 467, 468 भा.दं.वि. का इजाफा किया गया एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त. को उक्त दण्ड से दण्डित किया।

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