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अपनी ही नाबालिक पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में पिता को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा
आनंद ताम्रकार
बालाघाट ७ जुलाई ;अभी तक; अपनी ही नाबालिक पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में पिता को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई गई।
पीड़िता अभियोक्त्री अपने माता पिता के साथ बिरसा थाना क्षेत्र के ग्राम सुरवाई में रहती थी तथा आठवीं कक्षा में पढाई कर रही थी। तभी से उसका पिता उस पर बुरी नजर रखता था और छेडछाड करता था। इसकी शिकायत उसने अपनी मां को बताई जिसके पश्चात वह अपने दादा दादी के पास ग्राम रामेपुर चले गई और वहीं पढ़ने लगी।
जून 2017 में वह अपने चाचा चाची के साथ अपने बुआ के घर ग्राम रेलवाही जाने बैहर आई थी बैहर में उसके पिता ने उसे देख लिया और उसे जबरदस्ती अपने ग्राम सुरवाही ले गया। जहां पीड़िता की छोटी बहन रहती थी।
24 जून 2017 को रात में जब अपनी बहनों के साथ सो रही थी तब उसके पिता ने उसे जबरदस्ती दुसरे कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया उसकी आवाज सुनकर उसकी छोटी बहन बचाने आई तो उसे भी पिता ने डांट कर और जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बारे में उसने अपने पडोसियों ने बताया लेकिन किसी ने उसका सहयोग नहीं दिया।
24 जून 2017 को रात में जब अपनी बहनों के साथ सो रही थी तब उसके पिता ने उसे जबरदस्ती दुसरे कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया उसकी आवाज सुनकर उसकी छोटी बहन बचाने आई तो उसे भी पिता ने डांट कर और जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बारे में उसने अपने पडोसियों ने बताया लेकिन किसी ने उसका सहयोग नहीं दिया।
दुसरे दिन जब उसका पिता बिरसा बाजार गया था तभी पिडिता अपनी छोटी बहन के साथ घर से भागकर ग्राम भण्डारपुर अपनी चाची के घर गई वहां से बडी माँ तथा चाचा को फोन कर घटना के बारे में बताया जिसके बाद उसके परिजनों ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई जिसके आधार पर पुलिस ने धारा 376, 376(2)(एफ) भादवि एवं धारा 4,6, पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किया प्रकरण न्यायालय में विवेचना में लिया गया।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम श्री भू भास्कर यादव बैहर ने प्रकरण में आये सकारात्मक साक्ष्य एवं अभियोजन के तार्को से सहमत होकर आरोपी पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 506 में दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।