प्रदेश
निर्माण कार्यो में लापरवाही पाये जाने पर तीन सरपंच पद से पृथक
देवेश शर्मा
मुरैना 11 सितम्बर ;अभी तक ; मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत दर्ज प्रकरणों में वर्ष 2022 से 34 प्रकरणों में तत्कालीन एवं वर्तमान सरपंच एवं सचिवों के द्वारा 15179492 रूपये की राशि से निर्माण कार्य किए गये है। 61.50 लाख शासकीय खाते में जमा की जाने से 34 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिनमें लापरवाही पाये जाने पर 3 सरपंचों को मध्यप्रदेश पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत पद से पृथक किया गया है। इसके अलावा 19 पूर्व सरपंच और 04 पंचायत सचिव पेशी पर उपस्थित न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने एवं सीईओ संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जनपद सीईओ को दिये है।
यह जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. इच्छित गढ़पाले द्वारा दी गई है।
धारा 40 के तहत पद से पृथक किये गये सबलगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत टोंगा की सरपंच ममता शर्मा, ग्राम पंचायत बत्तोखर के सरपंच अनिल रावत और मुरैना जनपद के ग्राम केंथरी के सरपंच श्री छोटेलाल के नाम शामिल है।
ग्राम पंचायत कढावना के पूर्व सरपंच पूरन सिंह गुर्जर, किशोरगढ़ की पूर्व सरपंच उर्मिला, खेरली की पूर्व सरपंच मुन्नीदेवी, कोटरा की पूर्व सरपंच मुन्नीदेवी एवं सचिव रामस्वरूप शर्मा, चैना की पूर्व सरपंच सायराबानों, भैंसरोली की पूर्व सरपंच विद्यादेवी, करोला के पूर्व सरपंच राजकुमार गुर्जर, नूराबाद के पूर्व सरपंच वीरेन्द्र गुर्जर, श्यामपुर खुर्द के पूर्व सरपंच गोरीशंकर कुशवाह, लहर के पूर्व सरपंच अजय पाल सिंह, चांदपुर की पूर्व सरपंच रेखा उपाध्याय, पचेखा के पूर्व सरपंच बृखभान सिंह सिकरवार आदि द्वारा राशि जमा न करने एवं पेशियों पर उपस्थित न होने के आरोप गिरफ्तारी वारंट जारी किये गये।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत धनसुला की पूर्व सरपंच भूरी बाई तथा सचिव नरेन्द्र सिंह तोमर, ग्राम पंचायत उसैथ के पूर्व सरपंच राजपाल सिंह तोमर, ग्राम पंचायत खेडाहुसैनपुर की पूर्व सरपंच हलुकाबाई, सचिव हाकिम सिंह जाटव, ग्राम पंचायत रछेड़ की पूर्व सरपंच सोपति, ग्राम पंचायत कमतरी के पूर्व सरपंच राजेन्द्र सिंह तोमर, ग्राम पचेखा के पूर्व सरपंच बृहभान सिंह सिकरवार, ग्राम पंचायत पुरावस कला की पूर्व सरपंच शांति देवी एवं सचिव विश्नाथ सिंह तोमर आदि द्वारा राशि जमा न करने एवं पेशियों पर उपस्थित न होने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए एफआईआर दर्ज कराने से निर्देश संबंधित जनपद सीईओ को दिये गये है।