मयंक शर्मा
खंडवा १७ जुलाई ;अभी तक; सावन के आज दूसरे सोमवार को दो स्वरूप ज्योंतिल्रिग ओंकारेश्वर व ममलेश्वर की महासवारी यात्रा अपने अपने ठिकानो से निकली और 5 घण्टे तक नगर भ्रमण कर लोगों के हालचाल जानने के बाद परम्परागत मार्ग से अपने अपने स्थानो पर लोट गयी। दोपहर 4 बजे मुख्य मंदिर से यात्रा बेंड बाजों से सिज्ज्त हेकर निकली।शिवपुरी से होते हुए कोटितीर्थ घाट पहुंचेगी। यहां अेंकार महाराज की पंचमुखी रजत प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक हुआ।उधर दक्षिण तट से ममलेश्वर महाराज की सवारी भी नौका भ्रमण करेगी। दोनों सवारियां साथ में गोमुख घाट से नगर भ्रमण पर निकली। इसके पहले आरती के बाद नर्मदा में नौका भ्रमण कर गोमुख घाट से नगर भ्रमण पर निकलें।
ज्योतिर्लिंग मंदिर ट्रस्ट व एसडीएमे चन्दरसिंह सोलंकी ने बताया कि सोमवार तड़के 3 बजे ज्योतिर्लिंग भगवान का अभिषेक-पूजन कर 3.30 बजे श्रद्धालुओं के लिए पट खोल दिए गश्े थे। दिन भर दर्शनार्थियोका ताता लगा रही। कलेक्टर अनूप कुमार सिंह व एसपी सत्येंद्र शुक्ल भी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रखने हेतु ओंकारेश्वर में उटे रहे। । कंट्रोल रूम में सीटीटीवी पर सतत निगरानी रखी गयी। एसपी ने बताया कि यात्रा दौरान कहीं से अप्रिय घटना की खबर नहीं है। ।
एसडीएम ने बताया कि दोपहर 12 बजे भोग आरती के समय आधा घंटा पट बंद रहें। 4 बजे भोलेनाथ की सवारी मंदिर से निकलकर शिवपुरी मार्ग से कोटितीर्थ घाट पहुंची ।यहीं दक्षिण तट से ज्योंतिर्लिग ममलेश्वर भी यात्रा के साथ पहुंचेै। नौका विहार करने के बाद द्वय भगवान ांयुक्त रूपसे नगर भमण निकजेैयात्रा में हजारों श्रद्धालु गुलाब की पंखुड़ी और गुलाल उड़ाते व नाचते-गाते महाराज का स्वागत के लिये उमडे। े। भोले शंभू-भोलेनाथ और बोल बम से नगरी घण्टों तक गूजंमी रही। रात बजे जेपी चैक से दोनों सवारियां अपने-अपने मंदिर के लिए प्रस्थान कर गयी।
मदिर के पुजारी पं. दीक्षित ने बताया कि सावन का दूसरे सोमवार होने के साथ ही हरियाली अमावस्या होने से नर्मदा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु देर शाम तक े पहुंचते रहे। करीब 1 लाख से अधिक लोगों ने नर्मदा मे डुबकी लगाने के बाद भोले के दर्शन के लिये अपने को कतारबद्ध किया। न्होने बताया कि सावन के दूसरे सोमवार को होने वाला भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महाशृंगार अमावस्या पर भीड़ की वजह से तीसरे सोमवार को किया जाएगा। तीर्थनगरी में ओम नमः शिवाय की गूंज है। कावड़िए भी भोलेनाथ को जल अर्पित करने पहुंचते रहे ं। । भीड़ की वजह से पुलिस ने नगर में वाहनों का प्रवेश रोक दिया है। सोमवार को अमावस्या होने से नर्मदा स्नान का महत्व अधिक होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर और मोरटक्का में नर्मदा स्नान करते रहे।ओंकारेश्वर में सुबह 9 बजे बाद से भगवान को सीधे जल-पुष्प चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सावन में सप्ताह में तीन दिन वीआइपी दर्शन भी बंद रखने के निदे्रश है।
पं0 रमेश शर्मा ने कि पांच शुभ संयोग में सावन का दूसरा सोमवार, व अमावस्या तिथि से पूर्ण रहा। इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है। और 18 जुलाई से पुरुषोत्तम मास की भी शुरुआत हो रही है। ।हरियाली अमावस्या का शुभ संयोग भी घटित रहा । इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंड दान एवं दान पुण्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद किया जाता है। साथ ही हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व का भी पर्व होता है।इस े दिन पौधारोपण करने से जीवन के सारे कष्ट दोष दूर हो जाते हैं। इस दिन किसान अपने खेती में उपयोग करने वाले उपकरणों की पूजा कर ईश्वर से अच्छी फसल की कामना करते हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि संयोग से पुष्कर नामक भी है। सूर्य देव इस दिन मिथुन राशि को छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे शुभ संयोग में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करना श्रेष्ठ माना गया। यही कारएा है कि शहर में अनेक संगठन बड़ी संख्या में पौधारोपण कर भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहे।करेंगे। 18 जुलाई से पुष्य नक्षत्र में अधिक मास प्रारंभ होगा।संयोग में सोमवती, हरियाली अमावस्या का होना साधना, उपासना, दान तथा ग्रहों की अनुकूलता के लिए श्रेष्ठ मानने से जगह जगह दान तथा साधना उपासना में भक्तो को देखा गया।