सावन सोमवार ( पांचवा): ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का भव्य श्रृंगार: निकली पालकी, 1 लाख से अधिक लोगो ने दर्शन के पहले लगाई नम्रदा मे डुबकी
मयंक शर्मा
खंडवा ७ अगस्त ;अभी तक; नर्मदा तट की जिले की ज्योंतिलिंग नगरी ओंकारेश्वर में सावन के पाचवे सोमवार को दो स्वरूप वाले ज्योतिलिंग ओकारेश्वर व ममलंश्वर ने पालकी में बैठकर नगर भ्रमण किया। अपने अपने ठिकानो से नर्मदा तट पर पहुचे। परंपरा अनुसार भगवान ओंकारेश्वर नर्मदा पार कर कोटितीर्थघ्पाट पहुंचे। यहां पूजा पाठ अभिशेख पश्चात नौका विहार करने के बाद दोनों नगर का भ्रमण की निकले। ढोल-ढमाके के साथ बाबा की रजत प्रतिमा पालकी में विराजित कर भोले शंभू भोलेनाथ के जयघोष के साथ नगर भ्रमण दारान गूूंज रही। सवारी देर रात अपने अपने मंदिर लौट आयी।
श्रीजी मंदिर ट्स्ट के ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर के पंड़ित आशीष दीक्षित ने बताया कि सावन में बड़ी संख्या में कावड़िए भी ओंकारेश्वर पहुंचते रहे हैं। रविवार को भगवा वस्त्रों में बड़ी संख्या में कावड़िए मां नर्मदा का जल लेकर रवाना हुए। श्रद्धालुओ व कावड़ियों की वजह से तीर्थनगरी में बोल बम के जयकारे गूंज रही। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का यहां आगमन होने से मौजूदा व्यवस्थाएं दम तोड़ती रही है। बार-बार लगने वाले जाम के कारण घंटों इंतजार के बाद श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचते रहे ं। समाजसेवी नवल किशोर शर्मा सहित अन्य लोगों का कहना है कि प्रशासन से वाहनो की सुविधाजनक पार्किंग और नए बस स्टैंड के पास पड़े मलबे के ढेर हटाकर पार्किंग की व्यवस्था करने की मांग वर्षों से की जा रही है। लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेने से समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है।
भोलेनाथ के दर्शनों के लिए करीब 1 लाख से अधिकं श्रद्धालुओं ने नर्मदा में डुबकी लगाई फिर ज्योतिलिंग ओंकारेश्वर के दर्शन के लिये कतारबद्ध किया। सुबह साढ़े चार बजे से मंदिर परिसर में भीड़ लगना शुरू हो गई थी। दर्शनों का सिलसिला रात 9 बजे तक चलता रहा।सोमवार के दिन बाबा ओंकार महाराज का रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया था। प्रात कालीन मंगला आरती में फलप्रसादी का नैवेद्य लगाया गया। मां पार्वती के श्रृंगार दर्शन भी किये गये।सुबह नौ बजे तक ही भगवान को सीधे जल और फूल.बेलपत्र चढ़ाने की छूट रही । इसके बाद गर्भगृह के बाहर ही पात्र में सामग्री ली जाती रही ।
श्री दीक्षित ने बताया कि अधिक मास की वजह से सावन के 8 और भादौ का एक सोमवार सहित नौ सोमवार को तीर्थनगरी में भगवान की सवारी निकलेंगी। महासवारी 21 अगस्त को निकाली जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होगें। भीड़ को देखते हुए वीआइपी दर्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ है।