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भूखों को भोजन ही नहीं कराता… बिछड़ों को मिलाने का भी माध्यम है सेवा बैंक.. 70 वर्षीय लापता वृद्ध परिजनों को सेवा बैंक में मिले
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ३० अक्टूबर ;अभी तक; सेवा बैंक केवल जरूरतमंदों को भोजन कराने की ही सेवा नहीं करता वरन सेवा बैंक के माध्यम से कुछ भूले भटके लोग जो अपनों से दूर हो जाते हैं और सब जगहों पर ढूंढने से भी नहीं मिलते वे सेवा बैंक में मिल जाते हैं। पिछले वर्षों में ऐसे वाकए हुए हैं।
यह जानकारी देते हुए सेवा बैंक के संचालक समाजसेवी व पार्षद सुनील बंसल ने बताया कि 70 वर्षीय वृद्ध इरशाद भाई भी सेवा बैंक के माध्यम से परिजनों को मिले। दलोदा निवासी इरशाद भाई घर से बीना कहे चार-पांच दिनों से लापता थे वे प्रतिदिन शाम को भोजन के लिए गांधी चौराहे पर सेवा बैंक में आ रहे थे वहां पर सेवादार श्री शलभ बंसल, दिलीप राठौड़, मुकेश आर्य,और नटवर भाई पारीख अपनी सेवाएं दे रहे थे जल्दी से परिजन आए और उन्होंने फोटो दिखाया कि उक्त व्यक्ति बिना कहे हमारे घर से चले गए हैं अगर यहां पर भोजन के लिए आए या दिखे तो आप हमें बताएं वह उनका फोन नंबर भी देकर गए थे दूसरे दिन शाम जब भोजन प्रारंभ हुआ तो वह व्यक्ति भोजन करने के लिए पंगत में बैठा था। सेवादार शलभ बंसल ने उसे पहचान एवं साथियों से चर्चा कर जो नंबर दलौदा वाले दे गए थे उस पर फोन कर उन्हें सूचित किया।
आपने उन्हें बताया था वह यहां पर भोजन कर रहे हैं आप आ जाएं इस बीच में व्यक्ति खाना खाकर जाने लगे, रोकने का प्रयास किया पर रुके नहीं और जिला चिकित्सालय की ओर बढ़ते गए उनके पीछे दिलीप राठौड़ शलभ बंसल गए ताकि वह वापस से कहीं भटक न जाए। वहां जाकर इरशाद भाई ओपीडी के बाहर प्लास्टिक के कट्टे बिछा कर सो गए। इस बीच शलभ बंसल और दिलीप भाई ने उससे बातचीत भी की पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए कुछ देर बाद उनके परिजन पत्नी बेटा फिरोज आ गए और उक्त व्यक्ति को उन्हें सुपुर्द किया परिजनों ने सेवा बैंक के समस्त सेवादारों का आभार किया एवं समिति के लिए उन्होंने अल्लाह से दुआ की कि अगर कोई ऐसा व्यक्ति दिखे तो उनकी आप मदद करें आप सब लोग स्वस्थ रहें। ऐसे प्रसंग पहले भी 10/12 बार हो चुके हैं। समिति ने मेहनत कर गुमशुदा व्यक्ति को परिवार को हवाले किया है।