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शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक की सजा

दीपक शर्मा

पन्ना ३ अगस्त ;अभी तक; शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी अनिल कुशवाहा को माननीय न्यायालय अयाज मोहम्मद, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय द्वारा शेष जीवन प्राकृतिक जीवन काल तक के अजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रोहित गुप्ता के बताये अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि, अभियोक्त्री की आरोपी से जान पहचान हो गयी थी। आरोपी ने कहा था कि वह अभियोक्त्री से प्यार करता है और शादी करके उसे पत्नी की तरह अपने साथ रखेगा। रात्रि लगभग 10 बजे अभियोक्त्री के माता-पिता बाहर गए थे तो आरोपी ने अभियोक्त्री के घर में आकर उसकी मर्जी के बिना उसके साथ जबरन बलात्संग किया और उसे पन्ना ले आया। आरोपी पन्ना में अभियोक्त्री को किराए के मकान में रखकर उसकी मर्जी के बिना बलात्संग करता रहा। तथा फिर उसे उसके घर पर छोड़ दिया। जब भी अभियोक्त्री के माता पिता घर पर नहीं होते थे तो आरोपी उसके घर आता था और उसके साथ उसकी मर्जी के बिना जबरन गलत काम करता था। जब अभियोक्त्री ने आरोपी से शादी करने के लिए कहां तो आरोपी ने उससे बात करना बंद कर दी।

अभियोक्त्री को लगता था कि आरोपी उससे शादी कर लेगा, परंतु आरोपी के शादी करने से मना कर देने पर उसने घटना की जानकारी अपने माता पिता को दी तथा माता-पिता के साथ महिला पुलिस थाना पन्ना आकर लिखित शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया। उक्त आवेदन के आधार पर आरोपी अनिल कुशवाहा के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना घटना स्थल का नक्शमौका तैयार किया गया तथा अभियोक्त्री का चिकित्सीय परीक्षण करवाने पर उसका गर्भवती होना पाया गया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किये गये। आरोपी अनिल कुशवाहा के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त अपराध को शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप मे चिन्हित किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय अयाज मोहम्मद, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी अनिल कुशवाहा के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया।

अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय अयाज मोहम्मद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) पन्ना की न्यायालय द्वारा आरोपी- अनिल कुशवाहा को क्रमशः धारा- 366 भादसं. में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000/- रूपए के अर्थदण्ड एवं धारा 5(स) व 5(र) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृत जीवनकाल तक आजीवन कारावास व 10000-10000 रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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