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कारगिल युद्ध में शहीद की बेटी का से ना में जाने का सपना
प्रदीप सेठिया
बड़वाह २६ जुलाई ;अभी तक; खरगोन जिले के ग्राम घुघरिया खेड़ी के लांस नायक राजेंद्र यादव 25 वर्ष पूर्व कारगिल युद्ध में गोली लगने से शहीद हुए थे।
उनकी पत्नी प्रतिभा यादव ने चर्चा करते हुए बताया कि उनके पति जब घर से देश की सीमा पर गए थे तो उन्होंने कहा था कि बेटा हो या बेटी उसे हम लोग आर्मी में भेजेंगे। एक सैनिक का सपना होता है वह देश के लिए अपना सर्व स्वन्योछावर कर दे कभी भी कुछ हो सकता है और वह शहीद हो गए और तिरंगे में लिपटकर अपने गांव आए उस समय मेरी शादी हुई 2 वर्ष ही हुए थे जहां उनका शहीद स्मारक बना है वहां पर उनका सपना था कि अपना घर बनाएंगे जब वे शहीद हुए बेटी मेघा तीन माह से गर्भ में थी।
बेटी मेघा यादव ने बताया कि वह अपने शहीद पिता के सपने के अनुरूप आर्मी में जाने के लिए परीक्षा की तैयारी कर रही है। चयन हो जाने पर सेवा में जाकर अपने पिता के सपने के अनुरूपदेश की रक्षा करेगी