6धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आदेश बागेश्वर धाम में दुकानदार लगा लें नेम प्लेट सुप्रीम कोर्ट ने नेम प्लेट पर लगाईं रोक
रवींद्र व्यास
छतरपुर 22 जुलाई ;अभी तक; छतरपुर से 24 किमी दूर एक गांव है गढ़ा इसी गांव में है बागेश्वर धाम,।धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में मंच से एक आदेश जारी किया है कि दस दिन के अंदर धाम के सभी दुकानदार नेम प्लेट लगा लें। योगी सरकार ने कावड़ यात्रा को देखते हुए दुकानों पर नाम लिखने का आदेश जारी किया था | जिसके बाद से ही वे विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए थे | अब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी भड़क गए हैं.| वही सुप्रीम कोर्ट ने आज कांवड़ यात्रा रूट पर रेस्टोरेंट और दुकानों पर नेम प्लेट संबंधी आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।
दरअसल गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से दीक्षा लेने वाले लोगों की लंबी कतारें लगी हैं।और लोग उनसे गुरु दीक्षा लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। इस मौके पर धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम और सत्संग भी आयोजित हो रहा है जो १८ जुलाई से आज २२ जुलाई तक चला । ऐसे ही सत्संग में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंच से घोषणा की धाम क्षेत्र पर अपनी दुकानों के बाहर नेम प्लेट जरूर लगाए ताकि यह पता रहे की राम वाले कौन हैं और रहमान वाले कौन हैं हमें ना राम से दिक्कत है ना रहमान से दिक्कत है ,हमे तो कालनेमियों से दिक्कत है। नाम बताने में कोई दिक्कत नहीं है,आप जो हो नाम लिख कर बाहर टांग दो ताकि आने वाले श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट ना हो।ये हमारी आज्ञा है कि दस दिन के अंदर नेम प्लेट टांग दें नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन को ज्ञापन भी दिया जायेगा।
इस मामले में जिला प्रशासन कुछ भी कहने से इंकार कर रहा है।
लगभग 2300 आबादी वाले गढ़ा ग्राम पंचायत में बागेश्वर धाम लगभग एक सौ एकड़ से ज्यादा में फैला है । धाम पहुंच मार्ग भी दुकानों होटलों की पूरी लाइन सी बनी हुई है। पर धाम में धर्म के साथ कारोबार करने वाले देश के हर क्षेत्र के लोग यहां हैं। अब इन दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया गया है |
जहाँ एक ओर धीरेन्द्र शास्त्री सीएम योगी की तर्ज पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दे रहे हैं वहीँ दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जनहित याचिका पर इस मामले पर रोक लगा दी है | सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा रूट पर रेस्टोरेंट और दुकानों पर नेम प्लेट संबंधी आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाद्य विक्रेताओं या दुकान के मालिकों और कर्मचारियों का नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई के लिए तय की है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस मामले में अपने को अलग कर लिया है , प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में दुकानों के सामने नाम लिखने को लेकर कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। यदि कोई स्वेच्छा से अपना नाम लिखना चाहता है तो लिख सकता है |
योगी सरकार के आदेश पर विपक्षी नेताओं की तरह ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी नाराज हो गए हैं उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के आदेश देने के पहले इसका प्रशिक्षण कांवड़ियों को दिया जाना चाहिए था . अचानक यह फैसला लेने से बदलाव नहीं आएगा. इस तरह के फैसले से विद्वेष फैलेगा. उन्होंने कहा कि बहुत से हिंदू यह कह रहे होंगे कि यह शंकराचार्य अब क्या कह रहे हैं, लेकिन जो सच है वही बता रहे हैं.