समाज की परिकल्पना परिवार के बिना अधूरीः-सीता बहनजी, परिवार जीवन का सुरक्षा कवच है
दीपक शर्मा
पन्ना १७ मई ;अभी तक; अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर ब्रह्माकुमारी सीता बहन जी ने सभी को परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि परिवार समाज की इकाई है हम सब से मिलकर परिवार बना है परिवार से मिलकर समाज देश और विश्व, का अहमियत बताने के मक्सद से परिवार दिवस मनाया जाता है।
समाज की परिकल्पना परिवार के बिना अधूरी है ऐसे में परिवार ही है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाता है परिवार हमारे रिश्तों को न सिर्फ मजबूती देता है बल्कि हर गम और खुशी के मौके पर हमारे साथ खड़ा भी होता है परिवार एक ऐसा आधार स्तंभ है जो मानव को मानव बनता है जो इंसानियत सिखाता है लेकिन आज लोग परिवार में छोटी-छोटी बातों को लेकर परिवार से टूट जाते हैं या अलग हो जाते हैं खासकर आज की युवा पीढ़ी रास्ता भटक रही है। जो अपनो से बड़ो का सम्मान नही करते तथा उनकी बाते नही मानते है। जिससे आये दिन अनेक प्रकार की घटनाए घटित होती है। जबकी विपरीत परिस्थितियों मे भी परिवार उनके साथ खडा होता है। आज परिवार से दूर या पारिवारिक प्रेम के अभाव में युवा पीढ़ी स्वयं को सोशल मीडिया में डुबो देता है एवं व्यसनो के अधीन हो जाता है वर्तमान शिक्षा प्रणाली से बच्चों को बौद्धिक विकास कम होता है। शिक्षा से डिग्री, पद पोजीशन तो मिल सकती है लेकिन व्यक्ति जीवन मूल्य पारिवारिक मूल्यों एवं श्रेष्ठ संस्कारों का परिवार से ही अर्जित करता है जिसके कारण ही वह दिव्य गुणो आत्मबल और मनोबल से भरपूर हो जाता है परिवार में रहकर उसकी मर्यादाओं में चलकर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी सुरक्षित एवं शक्तिशाली महसूस करता है आध्यात्मिकता से जीवन में श्रेष्ठ गुणो का संचय होता है एवं आत्म बल बढ़ता है जिससे व्यक्ति आपसी टकराव और तनाव से बच जाता है व्यक्ति के अंदर दिव्य गुण और शक्तियों का विकास होता है मनोबल बढ़ता है अतः आप प्रतिज्ञा करें कि परिवार में आपसी संबंध मधुर बनाने के लिए कोई भी बात को सहन करना पड़े तो करें प्रतिज्ञा करें कि परिवार टूटे नहीं जुड़े रहे।इसके लिए रोज हम अपने आप को मेडिटेशन के लिए कुछ समय निकालकर शक्तिशाली बनाएं।