योग हमारी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है – प्रो. उपाध्याय
महावीर अग्रवाल
मंदसौर २ मार्च ;अभी तक; पीजी कॉलेज मंदसौर में आयोजित हो रहे 10 दिवसीय ऐड ऑन कोर्स में आज सातवें दिवस विषय विशेषज्ञ प्रो.उपाध्याय,(मेम्बर सेक्रेटरी ICHR भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली)द्वारा उपस्थित हो कर अपने विचार ऑनलाइन व्यक्त किये गये l
कार्यक्रम की शुरूआत में प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा ने अतिथियों का स्वागत कियाl कोर्स निर्देशक डॉ. उषा अग्रवाल ने विषय प्रवर्तन करते हुए बताया कि विरासत बीते हुए काल का प्रतिक एवं वर्तमान का आइना है l विरासत हमारी पहचान है l इसको संरक्षित कर आने वाली पीढ़ी को परिचित कराना हमारा दायित्व है l
प्रो. ओम उपाध्याय ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी चित्त कृति है संस्कृतिlहमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिएlअमूर्त सांस्कृतिक विरासत को जनमानस में मूर्त रूप देने की आवश्यकता है lहमारी संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना मिलती है जो अन्यत्र किसी भी देश में नहीं मिलती हैl आपने वेद, पुराण, मनुस्मृति का उदहारण देकर बताया कि यह भूमि हमारी माँ और हम इसके पुत्र है lयदि पर्यावरण को हानि पहुँचाया जायेगा तब विनाश अवश्य होगाlकार्यक्रम का संचालन डॉ अमन सिंह द्वारा किया गया एवं आभार डॉ. शिव कुमार पाण्डेय द्वारा व्यक्त किया गया l