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    आचार्य श्री विश्वरत्नसागरसूरिश्वरजी म.सा. का खिलचीपुरा जैन तीर्थ पर हुआ आगमन

    महावीर अग्रवाल 

    मंदसौर १५ मार्च ;अभी तक ;   आचार्य श्री विश्वरत्नसागरजीसूरिश्वरजी म.सा. का कल फाल्गुनी पूर्णिमा के पर्व पर खिलचीपुरा स्थित श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर पर आगमन हुआ। संतश्री के आगमन पर खिलचीपुरा तीर्थ पर बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाये एकत्रित हुए और उन्होंने श्री पार्श्वनाथजी के मंदिर पर दर्शन वंदन कर पूजा का धर्मलाभ लिया।

    इस मौके पर पंकजकुमार पवन कुमार मोगरा परिवार (करजूवाला-पंकज फर्नीचर) की ओर से सहधर्मी स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया। इस मौके पर लाभार्थी परिवार का बहुमान भी हआ।

    आचार्य श्री इस अवसर पर कहा कि दादा पार्श्वनाथजी के नूतन जिनालय का कार्य चल  रहा है। आशा है कि यह कार्य आगामी समय में पूर्ण हो जायेगा और पार्श्वनाथजी की प्रतिमा यहां विराजित होगी। आपने कहा कि प्रति पूर्णिमा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये सहधर्मी स्वामी वात्सल्य का आयोजन हो इसके लिये मंदसौर के दानदाता परिवारों को आगे आना चाहिए और वर्ष की सभी 12 पूर्णिमा पर यह आयोजन हो ऐसा प्रयास करना चाहिये।

    गणिवर्य श्री कीर्तिरत्न सागरजी म.सा. ने कहा कि जीवन में हमें समय का सदुपयोग करना चाहिये और संतों एवं साध्वियों की सवेा का जब भी अवसर आये पीछे नहीं रहना चाहिये। खिलचीपुरा की पावन भूमि पर विराजित पार्श्वनाथजी की प्रतिमा अदभूत है प्रतिदिन हमें इसके दर्शन वंदन का धर्मलाभ लेना चाहिये।
    तीर्थरत्नसागरजी म.सा. ने कहा कि आजकल मनुष्य गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलने वाला प्राणी हो गया है। मनुष्य को अपना यह आचरण बदलना चाहिये तथा परमात्मा की भक्ति में समर्पित करना चाहिए। धर्मसभा में बड़ी संख्या में धर्मालुजन भी उपस्थित थे। धर्मसभा में राजेन्द्र करणपुरिया ने गीत की प्रस्तुत किया।

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