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    आज वर्ष प्रतिपदा पर जन्म दिवस के परिपेक्ष्य में… भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की कल्पना देने वाले थे डॉ. हेडगेवार

    रमेशचन्द्र चन्द्रे

    आज राष्ट्रीय संघ सेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा ऐसा संगठन है जिसके स्वयंसेवक इसी संगठन के अनुषंगिक संगठनों में जाकर हिंदू राष्ट्र एवं हिंदू राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। राष्ट्रीय संघ सेवक संघ का शुरू से ही मानना है की ‘हिंदुत्व ही राष्ट्रीयतव’ है और इस देश का मूलनिवासी हिंदू है इसके अतिरिक्त अन्य धर्मावलंबी चाहे वह क्रिश्चियन या मुसलमान हो वह इस देश में आक्रमणकारी के रूप में आए किंतु वह भी यदि इस राष्ट्र को अपना समझकर इसके प्रति समर्पित होकर कार्य करते हैं तो वे भी भारत में स्वीकार्य है किंतु उक्त धर्मावलंबी छद्म तरीके से धर्म परिवर्तन एवं अलगाववाद तथा आतंकवाद इत्यादि गतिविधियों में लगे हैं तो वे भारत को कदापि स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
    उक्त विचार और लक्ष्य लेकर डॉक्टर हेडगेवार का यह मानना था कि ‘केवल राजनीति अथवा सत्ता प्राप्त करके समाज को परिवर्तित नहीं किया जा सकता क्योंकि केवल कानून बनाने मात्र से समाज में परिवर्तन नहीं हो सकता, समाज में परिवर्तन व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आने पर ही हो सकता है।’
    स्वतंत्रता के पूर्व से ही वे इस बात से चिंतित थे कि क्या अंग्रेजों के जाने के बाद भारत में जिसकी भी सत्ता होगी वह एक राजनीतिक परिवर्तन होगा? किंतु जिन जिन कारणों से देश गुलाम हुआ वह कारण स्वतंत्रता के बाद भी विद्यमान रहेंगे। इसलिए ऐसे समाज की संरचना करना की उसमें स्वतः ही देश प्रेम एवं राष्ट्रवादी सोच का विकास हो। इसलिए डॉ हेडगेवार ने एक बेहतर चिकित्सक होने के बाद भी अपने व्यवसाय को तिलांजलि देकर उन्होंने सन 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कर वे एक हिंदू राष्ट्र और हिंदू समाज की बीमारी जैसे छुआछूत, भुखमरी, बेरोजगारी, अलगाववाद आदि को जड़ मूल से समाप्त करने वाले डॉक्टर बन गए और यही कारण है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जातिवादी भेदभाव को कोई स्थान नहीं है।
    सन् 1925 में नागपुर के एक बाडे में 10-12 बच्चों को लेकर वे खेल-खेल में राष्ट्रीयता की शिक्षा देने लगे तो उस समय के विद्वान लोगों ने डॉक्टर हेडगेवार की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि यह डॉक्टर अपनी चिकित्सा और रोजगार को छोड़कर इन बच्चों के माध्यम से संगठन खड़ा करने का स्वप्न देख रहा है। ऐसा प्रतीत होता है की डॉ. हेडगेवार पागल हो गया है किंतु लोगों की चिंता किए बगैर डॉक्टर साहब उस कार्य में लगे रहे और 1925 से 1940 तक उन्होंने संघ कार्य का विस्तार महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में कर दिया और इस कार्य में वही 10-12 लोग इसमें प्रमुख रहे, जिन्होंने डॉक्टर साहब के निर्देश पर जाकर संघ का कार्य खड़ा किया।
    आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है और इसके विभिन्न अनुषंगिक क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद, विद्या भारती, सरस्वती शिशु मंदिर, भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, शिक्षक एवं कर्मचारी संघ, संस्कार भारती, उद्योग भारती, प्रसार भारती इत्यादि देश के विभिन्न क्षेत्रों में संगठन सक्रिय हैं इसके साथ ही पत्र-पत्रिका के क्षेत्र में पांचजन्य, हिंदू गर्जना, राष्ट्र धर्म, दैनिक स्वदेश तरुण भारत और भी देश के विभिन्न प्रांतों में भाषा के अनुसार पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित होती है।
    डॉक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार का आज गुड़ी पड़वा अर्थात वर्ष प्रतिपदा के दिन जन्म दिवस है तथा आर एस एस के प्रमुख 6 उत्सव में यह उत्सव प्रमुखता के साथ मनाया जाता है तथा संपूर्ण भारत में स्थान-स्थान पर एवं शहर एवं गांव के प्रमुख चौराहों पर नागरिकों को चंदन का तिलक लगाकर मिश्री और नीम के पत्ते प्रदान कर भारतीय संस्कृति को स्मरण दिलाने का काम संघ के स्वयंसेवक करते हैं।
    भारत को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाने के स्वप्न एवं भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कल्पना देकर डॉ. हेडगेवार इस विशाल संगठन को इस बात  का दायित्व देकर गए हैं कि समाज को शक्तिशाली बनाने के लिए दैनिक शाखाओं के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों का निर्माण किया जावे,  जो व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी निष्ठा और अच्छे संस्कारों के साथ इस देश की सेवा करें तब ही उक्त स्वप्न साकार होगा।

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