More
    Homeप्रदेशईश्वर के संकल्प से ईश्वर की माया ने सृष्टि की रचना की...

    ईश्वर के संकल्प से ईश्वर की माया ने सृष्टि की रचना की जिसमें धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष से पुरुषार्थ है, सत्य ही धर्म है – स्वामी श्री अनंतदेव गिरीजी 

    अरुण त्रिपाठी
    रतलाम, 21 मार्च ;अभी तक ;   परम आनन्द सोश्यल क्लब एवं श्री मेहंदीकुई बालाजी जनकल्याण न्यास द्वारा चार दिवसीय अध्यात्म प्रवचन का मेहंदीकुई बालाजी परिसर में आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन महामंडलेश्वर स्वामी श्री अनंतदेव गिरीजी (स्वामी वामदेव ज्योर्तिमठ, वृंदावन) द्वारा अध्यात्म प्रवचन का रसपान करवाया गया।
                                         प्रवचन के दूसरे दिन स्वामीजी ने सत्य की महिमा बताते हुए कहा कि सत्य ऐसा शब्द है जिसे हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से सुनना चाहता है, वह चाहे कितना भी निकट का व्यक्ति हो अगर वह असत्य बोलता है तो उस व्यक्ति को हिन दृष्टि से देखता है। इसी सत्य में ईश्वर विराजमान है, यही सनातन परंपरा है। मनुष्य अपने निकटतम व्यक्तियों से, परिवारजनों से, पड़ोसियों से और समाज से सुख की अपेक्षा करता है, दुःख की अपेक्षा कोई नहीं करता है, यह मन और बुद्धि की दृष्टि होती है। इसीलिए सनातन धर्म में सर्वे भंवतु सुखिनः की प्रार्थना सभी संतों, ऋषियों ने कही है। यही सनातन धर्म का लक्ष्य है।
                                       उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर के प्रत्येक अंग का एक मूल्यांकन होता है और वह ईश्वर का दिया हुआ होता है जो अमूल्य है। प्रत्येक व्यक्ति में सोचने, समझने की शक्ति ईश्वर ने प्रदान की है। जो व्यक्ति यह बात बोलता है कि मैं कुछ नहीं समझता हूँ, वह मिथ्या है। अच्छा, बुरा प्रत्येक व्यक्ति को पता होता है। चाहे व्यक्ति दरिद्र हो, कम पढ़ा लिखा हो या कमजोर हो उसके साथ अगर कोई बुरा व्यवहार करता है तो वह इस बात को अपने मस्तिष्क में धारण कर लेता है। न्यायपालिका किसी भी सत्य को छुपा करके किसी अपराधी को बचा सकती है लेकिन जिस मनुष्य ने पाप या अपराध किया है, वह अपने अंतिम समय में सुखों को याद नहीं करता है, अपने किए पापोें से दुखी होता है। हर व्यक्ति लम्बी आयु की आस करता है लेकिन ईश्वर भजन से ही लंबी आयु एवं निर्भयता प्राप्त होती है।
                                                कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वामीजी का स्वागत संस्था के प्रमुख डॉ. पवन मजावदिया, जयकुमार टेकचंदानी, बंशीलाल मजावदिया ने किया। इस अवसर पर स्वामी देवस्वरुपानंदजी, स्वामी सुजानंदजी (अखण्ड ज्ञान आश्रम), स्वामी लक्ष्मणानंदजी, स्वामी गीतानंदजी भी मंचासीन रहे। सभी संतों का आयोजन समिति द्वारा स्वागत किया गया। स्वागत की श्रृंखला में रतलाम नगर निगम सभापति श्रीमती मनीषा मनोज शर्मा, एमआईसी सदस्य सपना त्रिपाठी, समन्वय परिवार से माधव काकानी, शिवराम, कालुराम पाटीदार, मुकेश शुक्ला, माहेश्वरी समाज से शैलेन्द्र डागा, नरेन्द्र बाहेती, प्रहलाद लढ्ढा, घनश्याम लढ्ढा, एल.एन.धुत, अनुपम सोमानी, दिनेश मालपानी, सनातन सोश्यल गु्रप से अनिल पुरोहित, रामबाबू शर्मा, रवि पंवार, निलेश सोनी, पप्पु माहेश्वरी, धर्मेन्द्र सोनी, राजेश उपाध्याय, योगेश सोनी, संजय तोतला, विशाल जायसवाल, चुनरी यात्रा समिति के जनक नागल, सुखदेव कुशवाह, धर्मेन्द्र रांका, जितेन्द्र बामनिया, रविन्द्र बन्धवा, गढ़कैलाश समिति सेे सतीश राठौर, कैलाश झालानी, कैलाश चौहान, नारायण जी, राजपूत समाज से राजेन्द्र सिंह गोयल, किशोरसिंह चौहान, शैलेन्द्र सिंह देवडा, नरेन्द्र सिंह चौहान, भारतसिंह सोलंकी आदि ने स्वामीजी का शॉल, श्रीफल एवं पुष्पमाला से स्वागत किया। अंत में प्रसादी वितरित की गई।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_imgspot_img