महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २१ मार्च ;अभी तक ; मंदसौर जिले के गरोठ क्षेत्र के गुराडिया नरसिंह गांव में एफडीपी वाडी विकास कार्यक्रम की तीन वर्षों की सफल यात्रा का समापन एवं स्थायी हस्तांतरण समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम एचडीएफसी बैंक परिवर्तन पहल के तहत बाएफ संस्था द्वारा जनवरी 2022 से मार्च 2025 तक 50 ग्रामों में संचालित किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों को टिकाऊ कृषि और उच्च मूल्य वाली फसलों से जोड़ना था।
परियोजना की उपलब्धियां बताते हुए परियोजना प्रबंधक जे.एल. पाटीदार ने बताया कि एफडीपी वाडी कार्यक्रम के अंतर्गत 1200 वाडियों की स्थापना का लक्ष्य था, जिसे चुनौतियों के बावजूद सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस दौरान किसानों को ड्रिप इरिगेशन, जैविक खाद, प्राकृतिक कीट नियंत्रण तकनीकों और अंतरवर्ती फसल प्रणाली से जोड़ा गया, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई। परियोजना के तहत 182 प्रशिक्षण कार्यक्रम, 270 जागरूकता बैठकें और 43 एक्सपोजर विजिट आयोजित की गई, जिससे किसानों की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
इस कार्यक्रम में वाडी प्रतिभागियों एवं ग्राम पंचायतों को परियोजना सौंपने का गौरवपूर्ण अवसर प्राप्त हुआ। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती दुर्गा डॉ. विजय पाटीदार ने इस परियोजना को देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक बताते हुए किसानों को संगठित रूप से वैल्यू चेन डेवलपमेंट पर ध्यान देने की सलाह दी। पवन पाटीदार, राज्य प्रमुख, बाएफ लाइवलीहुड्स, भोपाल ने नाबार्ड के माध्यम से क्षेत्र को एफपीओ के रूप में विकसित करने और मंदसौरी संतरे को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की बात कही।
एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर प्रमुख जितेश चौहान ने इस कार्यक्रम की सफलता पर पूरी टीम को बधाई दी। रणजीत सिंह ने किसानों की मेहनत की सराहना की, जबकि सीताराम चारण, मंडल अध्यक्ष, ने किसानों की आय दोगुनी करने में एचडीएफसी बैंक एवं बाएफ संस्था के योगदान की प्रशंसा की। अन्य विशिष्ट अतिथियों में विक्रम राणा, डॉ. जी.एस. चुंडावत, धर्मेन्द्र यादव, सत्येन्द्र सिंह शेखर एवं पिकेंज उपाध्याय उपस्थित रहे।
वाडी प्रतिभागियों ने कहा कि यह सफलता वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सही मार्गदर्शन का परिणाम है। अब किसान संगठित बाजार तंत्र, प्रसंस्करण और विपणन के लिए तैयार हैं। इस पहल को नाबार्ड के सहयोग से एफपीओ के माध्यम से और मजबूत किया जाएगा। कार्यक्रम में 50 गांवों की 36 ग्राम पंचायतों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान किए गए।
एफपीओ और उत्पाद प्रदर्शनी – कार्यक्रम में झांझाखेड़ी किसान उत्पादक संगठन, नागदा द्वारा उत्पाद प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें वाडी परियोजना के उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया। प्रमुख वाडी प्रतिभागियों में आर.जी. गुप्ता, सुरेश मेवाड़ा, रविंद्र पाटीदार, मयंक यादव, विजय धाकड़, देवेंद्र चौहान, विनय पाटीदार, मनीष पवार, शुभम ढुंढेले, लोकेन्द्र सिंह राजपूत, नीरज सिलावट, रामबाबू राठोर और जेएफपीसीएल के सीईओ सूरज प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
स्थायी हस्तांतरण इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय समुदाय और किसानों की भागीदारी से एक सफल एवं टिकाऊ कृषि मॉडल विकसित किया जा सकता है। यह पहल आत्मनिर्भरता और बाजार से जुड़ाव के नए अवसर प्रदान करेगी और किसानों को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगी।
वाडी प्रतिभागियों ने कहा कि यह सफलता वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सही मार्गदर्शन का परिणाम है। अब किसान संगठित बाजार तंत्र, प्रसंस्करण और विपणन के लिए तैयार हैं। इस पहल को नाबार्ड के सहयोग से एफपीओ के माध्यम से और मजबूत किया जाएगा। कार्यक्रम में 50 गांवों की 36 ग्राम पंचायतों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान किए गए।
एफपीओ और उत्पाद प्रदर्शनी – कार्यक्रम में झांझाखेड़ी किसान उत्पादक संगठन, नागदा द्वारा उत्पाद प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें वाडी परियोजना के उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया। प्रमुख वाडी प्रतिभागियों में आर.जी. गुप्ता, सुरेश मेवाड़ा, रविंद्र पाटीदार, मयंक यादव, विजय धाकड़, देवेंद्र चौहान, विनय पाटीदार, मनीष पवार, शुभम ढुंढेले, लोकेन्द्र सिंह राजपूत, नीरज सिलावट, रामबाबू राठोर और जेएफपीसीएल के सीईओ सूरज प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
स्थायी हस्तांतरण इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय समुदाय और किसानों की भागीदारी से एक सफल एवं टिकाऊ कृषि मॉडल विकसित किया जा सकता है। यह पहल आत्मनिर्भरता और बाजार से जुड़ाव के नए अवसर प्रदान करेगी और किसानों को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगी।