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    केंद्रीय बजट में जो समान सस्ता करना प्रस्तावित किया है क्या वे बाजार में सस्ते मिलेगे? नकली सामान देश में नहीं बिक सकेंगे यह क्यों प्रस्तावित नहीं किया जाता हे

       ( महावीर अग्रवाल)
    मंदसौर एक फरवरी ;अभी तक ;   प्रति वर्ष केंद्रीय व राज्य के प्रस्तुत किये जाने वाले बजट के प्रति नागरिकों का आकर्षण इस बात को लेकर रहता हे कि मंहगाई के दौर में कौन सी चीज या सामान पर टैक्स कम होकर वह सस्ता मिलेगा।अब यह बात भी जानकारों में खोज का विषय हे कि टैक्स कम होने के बावजूद बाजार में कौनसा सामान सस्ता हुआ। ऐसा टैक्स कम करने का भी क्या मतलब जब बाजार में वह नागरिकों को कम मूल्य पर नहीं मिलता हो।150 करोड़ की आबादी के देश में 22 लाख लोगों को नौकरी क्या यह ऊंट के मुंह में जीरा नहीं तो और क्या हे। बजट में नकली माल पर रोक की कोई ठोस घोषणा की हर वर्ष अपेक्षा रहती चली आ रही है। 12 लाख रु तक की आय आयकर से मुक्त का प्रस्ताव बहुत ही प्रशंसनीय हे।
                                            केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कल प्रस्तुत किये बजट में इलेक्ट्रिक सामान, मोबाइल, बैटरी, जीवन रक्षक दवाइयां, मेडिकल उपकरण ,एलसीडी ,एलईडी, मेडिकल उपकरण आदि कई सामान पर से ड्यूटी कम करना प्रस्तावित किया है ।पिछले बजट में भी इसी प्रकार सोना आदि सहित कई सामान पर से टैक्स कम करने की घोषणा हुई थी। उपभोक्ता बाजार में वे सस्ते सामान अभी तक ढूंढ रहे हैं लेकिन उसे मिले नहीं और अभी फिर सस्ते सामान की घोषणा हो गई । यह बहुत खूब ,मप्रशंसनीय बजट।
    केंद्र सरकार प्रतिवर्ष बजट प्रस्तुत करती है लेकिन लगता है उसका बाजार पर नियंत्रण नहीं है जो सामान सस्ता करने की घोषणा वह करती है उसका नागरिकों के द्वारा इंतजार इस बात के लिए रहता है कि अगला वर्ष आ जाता है। डेढ़ सौ करोड़ की आबादी के देश में नेता बताते हैं कि 65% युवा है शिक्षा का प्रतिशत भी बढ़ गया है युवा भारी महंगी पढ़ाई कर रोजगार की तलाश में जुट जाते हैं लेकिन वह रोजगार ढूंढते थक जाते हैं और थक हार कर वे विदेश में रोजगार को चुनते हैं। कोई पूछते नहीं ।धंधे पर ही संतोष कर गुजर बसर करता है।कुछ को।नौकरी मिल जाती हे लेकिन  अधिकांश बाहर के लिए आकर्षित होते हे।सरकार रोजगार के लिए क्या करेगी ,कितने युवाओं को इस बजट के बाद रोजगार, नौकरी  मिल जाएगी यह कोई भी आज तक नहीं बता पाया ।नए रोजगार, स्टार्टअप और ऐसी अन्य योजनाएं युवाओं को सामने रखी है लेकिन वह कौन सा उत्पादन या कारखाना है जिसे युवा हाथों हाथ ले। दिल्ली जैसे स्थान पर प्रतिवर्ष लगने वाले एक्सपो मेले को अधिक से अधिक युवाओ को देखने का अवसर मिले ऐसे प्रयास करने चाहिए। 22 लाख लोगों को रोजगार की बात बजट में बताई गई यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
                                        बजट में किसानों के लिए जो कदम उठाए गए हैं वह प्रशंसनीय है परंतु यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि छोटे किसानों के लिए योजना होना चाहिए ताकि वह जल्दी ऊपर उठ सके ।किसानों को क्रेडिट कार्ड पर₹300000 से बढ़कर ₹500000 तक का ऋण और दलहन उत्पादन के किसानों को मदद की बात कही गई जो अच्छी  बात हे।देश में अधिक उत्पादन करने वाले किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत करने की योजना भी बनानी चाहिए जो सरकार से अपेक्षित है।
                                 बजट में बताया कि जो 100 नए शहर नई उड़ान योजनाओं से जुड़ेंगे तथा88 एयरपोर्ट से जुड़ेंगे देश की बढ़ती आबादी के लिए यह जरूरी है। हवाई यात्रा के लिए नए शहरों को जोड़ना अच्छे संकेत है।
                                   देश में सबसे बड़ी समस्या नकली दवाइयां, दूध ,घी और अन्य कई सामान बिकने से नागरिक परेशान है ।केंद्र सरकार के बजट में नकली माल देश में नहीं बिक सकेगा ऐसी घोषणा कभी नहीं की गई जो की आज की आवश्यकता है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे जिससे देश में किसी भी प्रकार का कोई नकली समान नहीं बिक सके। जब यह चर्चा में सुनते हैं कि पश्चिम के कई देशों में नकली माल मिलता ही नहीं है मतलब वहां के नागरिक निश्चित होकर के अपनी खरीदी बाजार में करते हैं।

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