दीपक शर्मा
पन्ना १६ फरवरी ;अभी तक ; पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बरौली में खरौनी पुरवा के पास संचालित परिहार स्टोन क्रेशर इन दिनों चर्चाओ में बना हुआ है। जिसका मुख्य कारण वैध दस्तावेज न होने के चलते खनिज अधिकारी रवि पटेल के द्वारा दो करोड़ सत्तर लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था, तथा जुर्माना राशि जमा न करने पर लीज निरस्त करदी गई थी।
उक्त मामले को लेकर स्टोन क्रेशर संचालक अवधेश प्रताप सिंह परिहार ने पत्रकारो के समक्ष क्रेशर प्लांट और खदान की लीज के वैध दस्तावेज दिखाते हुए खनिज अधिकारी रवि पटेल पर गंभरी आरोप लगाये तथा उन्होने कहा कि खनिज अधिकारी माफियाओं को संरक्षण देते है एवं वैध कार्य करने वाले ठेकेदारो को परेशान करते है।
श्री परिहार ने बताया कि खनिज अधिकारी के द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और आरोप भी पूरी तरह से निराधार हैं। श्री परिहार ने श्री पटेल के द्वारा बदनाम करने की साजिश बताते हुए कहा है कि यह खदान उन्होंने साल 2016 में नीलामी में ली थी, इसके बाद साल 2020 में इसकी अवधि बढ़ाकर 2025 तक नियमानुसार कराई गई थी लेकिन उसके बावजूद पटेल द्वारा मनमाने ढंग से पर्यावरण की स्वीकृति तथा अन्य स्थान पर उत्खनन करने के आरोप लगाकर लीज निरस्त करने एवं दो करोड़ सत्तर लाख की जुर्माना राशि मनमाने ढंग से लगा दी गई थी, जिसके संबंध मे हमारे द्वारा कमिश्नर सागर तथा माननीय उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई थी तथा माननीय न्यायालय से स्टे आर्डर लिया गया था। अब पुनः अवधि बढ़ाने की लिए आवेदन करने पर खनिज अधिकारी रवि पटेल के द्वारा बेवजह कमियां निकाली जा रही हैं। एवं अनावश्यक रूप से दबाव बनाया जा रहा है। तथा मीडिया पत्रकारो को भ्रामक जानकारी देकर मुझे बदनाम किया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर अवैध रूप से नियम विरुद्ध जिले भर में अवैध उत्खनन एवं स्टोन क्रेश संचालित हो रहें है तथा इनका उक्त अवैध कार्य करने वालो को संरक्षण प्राप्त है।
जन चर्चा है कि रवि पटेल के द्वारा जिला खनिज अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद से पन्ना जिले में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। रेत, पत्थर, मुरम और हीरा की अवैध खदानों में खासी बढ़ोतरी हुई है। यहां तक कि उनके कार्यालय के आसपास भी अवैध हीरा और पत्थर की खदानें धड़ल्ले से चल रही हैं। तथा अनेक ठेकेदार सड़क बनाने के लिए मिट्टी, मुरूम, गिट्टी का अवैध उत्खनन करते है तथा जिसकी उनके पास स्वीकृति भी नहीं रहती है। उनको भी उनका संरक्षण रहता है तथा उपर स्तर से मनमाना कमीशन वसूलते है। उदाहरण के तौर पर शाहनगर में रामरज कन्ट्रक्श्न कंपनी के द्वारा व्याप्क स्तर पर अवैध उत्खनन किया गया था, जिस पर भी करोड़ो रूपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन उक्त राशि आज तक जमा नहीं हुई, इसी प्रकार रूंज बांध ठेकेदार पर भी कार्यवाही करके जुर्माना किया गया था, उक्त राशि भी आज तक जमा नहीं हुई, अजयगढ़ के बीरा मे रेत बरामद हुई थी, उक्त रेत माफियाओं पर भी जुर्माना लगाया गया था लेकिन आज तक जमा नही हुआ।
इस प्रकार पन्ना जिले में खनिज अधिकारी की मिली भगत से खनिज संपदा लुट रहीं है और खनिज अधिकारी रवी पटेल पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहीं है। अब ठेकेदार भी इन पर गंभीर आरोप अवैध वसूली के लगाने लगें है। जिससे मामला चर्चाओं में बना हुआ है। मामले को लेकर स्थानीय लोगो ने रवी पटेल जो पन्ना जिले मे विगत पांच वर्ष से जमें हुए है, उच्च स्तरीय जांच कराकर तथा इनके संपत्ति की भी जांच कराये जाने की मांग की गई है। में करोड़ों की काली कमाई का मामला उजागर हो सकता है, लेकिन सत्ता के संरक्षण की वजह से अनगिनत शिकायतों के बावजूद जांच और कार्रवाई नहीं हो पा रही है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है।
इनका कहनाः-
मेरे द्वारा जो बरोली में स्टोन क्रेशर संचालित किया जा रहा है, उक्त क्रेशर को विधिवत निलामी मे लिया गया था तथा 2025 तक क्रेशर चलाने एवं उत्खनन करने की लीज प्राप्त की गई थी, खनि अधिकारी द्वारा लीज निरस्त करने तथा जुर्माना लगाने की जो कार्यवाही की गई थी, उसके खिलाफ मेरे द्वारा माननीय कमिश्नर राजस्व एवं उच्च न्यायालय से बकायदा स्टे आर्डर लिया गया, किसी प्रकार से अवैध उत्खनन एवं क्रेशर संचालित नहीं किया जा रहा है, खनिज अधिकारी द्वारा बदनाम करने की नियत से गलत आरोप लगाये जा रहे है।
अवधेश प्रताप सिंह परिहार संचालक परिहार स्टोन क्रेशर बरोली
वर्तमान समय में संबंधित परिहार स्टोन क्रेशर की कोई स्वीकृति नहीं है, पूर्व में गलत स्थान पर गढ्ढा उत्खनन करने तथा पर्यावरण की स्वीकृति प्राप्त न करने के चलते लीज निरस्त कर दी गई थी तथा संबंधित पर दो करोड़ सत्तर लाख की राशि का जुर्माना भी लगाया गया था, यदि संबंधित द्वारा अभी भी कार्य किया जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
रवी पटेल खनिज अधिकारी पन्ना