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    गांधीसागर वन्य जीव अभयारण्य को मिला तकनीकी सशक्तिकरण, कर्मचारियों को मोबाइल फोन वितरित, अब निगरानी होगी और भी सटीक

     महावीर अग्रवाल
    मंदसौर ११ मई ;अभी तक ;   गांधीसागर वन्य जीव अभयारण्य में चीतों की निगरानी और गश्त को और अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए वन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अभयारण्य के फील्ड स्टाफ को नवीनतम स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं, जो M-Stripes, लोकस, वन सुविधा जैसे अत्याधुनिक एप्लिकेशनों से लैस हैं।
    मोबाइल फ़ोन वितरण के दौरान उपस्थित रहे अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ बी एस अन्निगेरी के अनुसार इन मोबाइल फोनों के माध्यम से वनरक्षक अब रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, गश्त रिकॉर्डिंग, वन्यजीवों की उपस्थिति की रिपोर्टिंग, और संभावित खतरे की त्वरित सूचना देने में सक्षम होंगे। M-Stripes ऐप का उपयोग गश्त की योजना, ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग में किया जाएगा, जबकि लोकस जैसी GPS आधारित एप्लिकेशन चीतों की मूवमेंट और क्षेत्रीय स्थिति की निगरानी में सहायक होंगी।
    मुख्य वन संरक्षक, उज्जैन श्री एम आर बघेल ने बताया कि यह पहल न केवल कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाएगी, बल्कि चीतों की सुरक्षा और संरक्षण में भी एक बड़ा योगदान देगी। डिजिटल तकनीक के माध्यम से हम ज़मीनी गतिविधियों से बेहतर रूप से जुड़ पाएंगे।
    कार्यक्रम के दौरान उपस्थित वनमंडलाधिकारी मंदसौर श्री संजय रायखेरे ने सभी कर्मचारियों को मोबाइल एप्लीकेशन का गश्ती एवं ट्रैकिंग के दौरान उपयोग में लिया जाकर रियल टाइम मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग करने हेतु निर्देशित किया।
    गौरतलब है कि गांधीसागर वन क्षेत्र में हाल ही में चीतों को पुनर्स्थापित किया गया है, और उनकी निगरानी को सुदृढ़ करने के लिए यह तकनीकी सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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