मयंक शर्मा
खंडवाॅ ५ मार्च ;अभी तक ; नगर में एक नाबालिग लड़के को जंजीर में बांधकर कैद कर प्रताड़ना देकर जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में पीड़ित को जहां मोघट पुलिस ने रेस्क्यू कर मां का सौतेला पति के कैद से आजाद कराया है।17 साल के नाबालिग लड़के को इसलिए कमरे में कैद करके जंजीरों से रखा ताकि वह अपना धर्म परिवर्तन कर ले। बालक को जंजीर में कैद करके रखने वाला कोई और नहीं बल्कि बालक की मां का सौतेला पति है। पीडित ने इस मामले में अपनी मां और सौतेले पिता के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।सीएसपी ए बांगरे ने बताया कि बालक के बयान के आधार पर रानी और रऊफ के खिलाफ मोघट थाने में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इन पर दबाव डालकर इस्लाम धर्म कबूल कराने का आरोप है।
ृ पीड़ित बालक ने बताया कि उसकी मां रानी ने 10 साल पहले उसके पिता की मौत के बाद रऊफ नाम के व्यक्ति के साथ शादी कर ली थी। रऊफ की भी यह दूसरी शादी थी। रानी अपने दोनों बच्चों को अपने मायके में छोड़कर इस्लाम धर्म कबूल कर रउफ के साथ विवाह रचा लिया । जब बालक बालिग होने के कुछ ही समय बचे हैं तो मां ने मुलाकात बढ़ा दी। पीड़ित ने फिर एक दिन उसकी मां ने धोखे से अपने पास बुलाया।जब अपनी मां रानी से मिलने पहुंचा तब रानी और रऊफ ने उसे हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल करने के लिए काफी समझाया। जब नाबालिग ने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया तो दोनों ने बालक के पैर में जंजीर बांधकर कमरे में कैद कर लिया। तीन दिनों तक उसे कमरे में कैद रखा गया। इस दौरान उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते रहे।
मंगलवार को मौका पाकर अपनी मांॅ के मोबाइल से वीडियो बनाया और यह वीडियो खंडवा पुलिस और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को भेज दिया। वीडियो में उसने मदद की गुहार लगाई। वीडियो देखकर लोग हैरान हो गए। वीडियो में साफ तौर पर बालक के पैरों में बेड़ियां दिखाई दी।वीडियो में उसने बताया कि उस पर इस्लाम धर्म कबूल करने का दवाब बनाया जा रहा है।
वीडियो वायरल होने के बाद मोघट पुलिस और हिंदू संगठन के कार्यकर्ता हरकत में आये और वीडियो में जिस स्थान और जगह का जिक्र था उस जगह पर पहुंचकर रेस्क्यू करके युवक को मकान से मुक्त कराया। पुलिस ने चाभी बुलवाकर बालक को बेड़ियों से मुक्त किया और थाने लेकर आई।