महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २० मार्च ;अभी तक ; प्रत्येक माह अपनी “मन की बात” कार्यक्रम के प्रसारण में अनुराग संस्था द्वारा जल बचाने के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री मोदीजी से जनता के समक्ष विचार रखने का निवेदन किया गया है ।
पत्र में लिखा गया है कि प्रतिदिन हम हजारों लीटर पानी यूं ही व्यर्थ बहा देते हैं और उसका बड़ा ही नादानी से यह उत्तर देते हैं कि यह पानी तो कल भरा था इसलिए आज यह बासी हो गया हैं । अब यह उपयोग में लाने योग्य नहीं बचा है । आखिर, हमारी सोच को क्या हो गया है ? जो जल हमारे घरों में नल के माध्यम से आता है वही जल नदी, तालाब या कुएं में वर्ष में एक बार वर्षा ऋतु में एकत्रित होता है और उसी को हम वर्ष भर पीते हैं । नदी, तालाब में कोई मशीन नहीं लगी है जिससे प्रतिदिन जल का उत्पादन होता हो । इसलिए जब वर्ष में केवल एक बार वर्षा ऋतु में एकत्रित जल नदी, तालाब या कुएं में बासी नहीं होता है व उसे ही हम वर्ष भर उपयोग में लाते हैं तो फिर हमारे मटके में भरा पानी एक दिन में बासी कैसे हो सकता है ?
इसलिए विनम्र निवेदन है कि आमजन अपने मटके में बचे पानी को ढोले नहीं और उसका अगले दिन भी उपयोग करेंगे तो हम लाखों लीटर पानी बचा सकेंगे ।